रायपुर. छत्तीसगढ़ में अचानक हुई बरसात से अधिकांश जिलों में शीतलहर के हालात बन गए हैं। प्रदेश के अधिकांश जिलों में दिन का तापमान सामान्य से 12 डिग्री सेल्सियस तक नीचे गिरा है। वहीं कई जिलों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान के बीच केवल एक डिग्री सेल्सियस का अंतर बच गया है।
छत्तीसगढ़ में बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी युक्त भारी हवा और उत्तर से आ रही ठंडी और सूखी हवाओं की वजह से मौसम बदला है। रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग में कई जिलों में हल्की बरसात दर्ज हुई है। बुधवार भोर से बूंदाबादी शुरू हुई, जिसका सिलसिला रात तक जारी रहा। मौसम विभाग के मुताबिक शाम 5 बजे तक रायपुर में 2.9 मिलीमीटर तक पानी बरस चुका था। माना में 1.2 और राजनांदगांव में 2 मिलीमीटर बरसात रिकॉर्ड हुआ है। भारी नमी और नीचे छाये हल्के बादलों की वजह से प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में घना कोहरा छाया रहा। इसकी वजह से हवाई यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। खराब दृश्यता की वजह से कई उड़ानों को टाल दिया गया।
मौसम विभाग ने बताया, बुधवार दिन का सबसे कम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस रहा। यह पेण्ड्रा रोड में दर्ज हुआ। यह सामान्य दिनों के तापमान से 9 डिग्री तक कम है। राजनांदगांव में दिन का अधिकतम तापमान 17.8 डिग्री रहा जो सामान्य से 12 डिग्री कम है। अम्बिकापुर का अधिकतम तापमान 16.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ जो सामान्य तापमान 6 डिग्री तक कम रहा। वहीं राजधानी रायपुर का अधिकतम तापमान 18.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। यह सामान्य से 8 डिग्री सेल्सियस कम था। बुधवार को रायपुर का न्यूनतम तापमान 17.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था। यानी रायपुर के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में एक डिग्री तक का ही अंतर रहा है।
मौसम विभाग का कहना है, प्रदेश में दक्षिण-पूर्व से पर्याप्त मात्रा में निम्न स्तर पर नमी आ रही है। इसकी वजह से प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में विरल से मध्यम घना कोहरा छाया हुआ है। साथ ही निम्न स्तर के बादल छाए हुए हैं। 5 जनवरी के दोपहर तक सुधार के साथ स्थिति ऐसे ही बने रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने सुबह प्रदेश के कुछ पॉकेट्स में हल्के से मध्यम स्तर का घना कोहरा छाने की चेतावनी जारी की है।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक गुरुवार रात से न्यूनतम तापमान में गिरावट शुरू होगी। 7 और 8 जनवरी को न्यूनतम तापमान में बड़ी गिरावट हो सकती है। संभावना है कि उन दो-तीन दिनों में इस सीजन की सबसे अधिक ठंड पड़े। मौसम साफ होने के बाद दिन का तापमान बढ़ेगा।
छत्तीसगढ़ के सरगुजा, बिलासपुर और दुर्ग संभाग के कुछ जिलों में जनवरी महीना सबसे ठंडा होता है। यहां न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। इसकी वजह से बाहर रखा पानी जम जाता है। फसलों और पेड़-पौधों, घर की छतों वाहनों पर ओस की बूंदे जम जाती हैं। अंबिकापुर, कोरिया, बलरामपुर, जशपुर, पेण्ड्रा रोड, कवर्धा की चिल्फी घाटी जैसे इलाकों में बर्फबारी सा एहसास होता है।
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