Chhattisgarh Weather : आज 3 संभागों और कई जिलों में मूसलाधार बारिश, मानसून सक्रिय, फिर भी बारिश की कमी, प्रदेश में अबतक 279.4 मिमी बारिश दर्ज

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CG Weather, CG mausam, Chhattisgarh Weather, Chhattisgarh Mausam :मानसून के आगमन के बाद भी छत्तीसगढ़ में बारिश की स्थिति अपेक्षित मानकों से काफी पीछे है। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश के कारण किसानों और आम लोगों की चिंता बढ़ गई है।

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वर्तमान स्थिति:

एक जून से लेकर 16 जुलाई तक की स्थिति पर गौर करें तो प्रदेश में कुल 279.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जबकि इस समय तक 382.2 मिमी बारिश की उम्मीद थी, जिससे 27 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। इस साल जून महीने में भी बारिश का आंकड़ा सामान्य से काफी कम रहा।

रायपुर, राजनांदगांव, सक्ती, सरगुजा, सूरजपुर, बेमेतरा समेत 14 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। वहीं बलौदाबाजार, बलरामपुर, बस्तर, कबीरधाम सहित 12 जिलों में सामान्य मात्रा में बारिश हुई है।

मौसम विभाग की भविष्यवाणी:

मौसम विभाग के अनुसार, 20 जुलाई से प्रदेश में बारिश की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है। मंगलवार सुबह से रायपुर और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बादल छाने के साथ हल्की बारिश भी हुई, जिससे कुछ राहत मिली है। हालांकि, बारिश थमने के बाद उमस भी महसूस की गई।

मौसम विशेषज्ञ संजय बैरागी के अनुसार, आगामी दिनों में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। दक्षिण छत्तीसगढ़ में बारिश की गतिविधि बढ़ने की संभावना है। एक निम्न दाब का क्षेत्र दक्षिण छत्तीसगढ़ और विदर्भ के ऊपर स्थित है, जो बारिश की गतिविधियों को बढ़ा सकता है।

वर्तमान तापमान:

मंगलवार को रायपुर का अधिकतम तापमान 33.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक है। इसी प्रकार, डोंगरगढ़ में अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो प्रदेश के अन्य हिस्सों की तुलना में काफी अधिक है। आने वाले दिनों में भी तापमान में कोई खास बदलाव की संभावना नहीं है।

फसल पर प्रभाव:

कम बारिश की स्थिति ने कृषि पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। किसानों को धान की फसल की बुआई में समस्याएं आ रही हैं और सूखा के संकेत भी देखे जा रहे हैं। यह स्थिति खेती-बाड़ी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

सार्वजनिक सेवाएं और राहत कार्य:

सरकारी अधिकारी और राहत कार्यकर्ता स्थिति की निरंतर निगरानी कर रहे हैं। बारिश की कमी और सूखे के प्रभाव को कम करने के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। जल संसाधन विभाग ने भी बारिश के पानी को संचित करने के उपायों को अपनाया है और नदियों और जलाशयों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

सामान्य जीवन पर प्रभाव:

बारिश की कमी का सामान्य जीवन पर भी असर पड़ा है। पानी की कमी के कारण ग्रामीण इलाकों में जीवन जीना कठिन हो गया है। इसके अलावा, बढ़ती गर्मी ने लोगों की दिनचर्या को प्रभावित किया है।

भविष्यवाणी और अपेक्षाएं:

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में स्थितियों में सुधार हो सकता है और बारिश की गतिविधियों में वृद्धि की उम्मीद है। हालांकि, यह सुधार कितना प्रभावी होगा, यह आगामी दिनों में ही स्पष्ट होगा।

छत्तीसगढ़ में बारिश की स्थिति अभी भी चिंता का विषय है। मानसून की शुरुआत के बाद भी बारिश की कमी ने किसानों और आम लोगों की परेशानियों को बढ़ा दिया है। हालांकि, मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार आगामी दिनों में बारिश की स्थिति में सुधार हो सकता है, लेकिन इस समय स्थिति में सुधार होने की जरूरत है।