बिलासपुर. केंद्र व राज्य शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में अफसरों द्वारा बरती जा रही लापरवाही की पोल शुक्रवार को मंत्री टीएस सिंहदेव के सामने खुल गई. आमतौर पर सौन्य रहने वाले मंत्री सिंहदेव अफसरों पर जमकर बरसे. नाराज मंत्री ने योजनाओं के क्रियान्वयन में गंभीरता बरतने और काम को ईमानदारी के साथ करने की हिदायत भी दी. मस्तूरी ब्लाक के स्र्र्बन योजना के नोडल अधिकारी को शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए. मुंगेली जिले के अधिकारियों को अपना रवैया सुधारने और काम को ईमानदारी के साथ अंजाम देने की हिदायत भी दी. मंत्री का गुस्सा देखकर अधिकारी सहम गए.
शुक्रवार को मंत्री सिंहदेव मंथन सभाकक्ष में विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे. मंत्री ने कार्यों में पारदर्शिता के लिए नरवा, गस्र्वा, घुरवा व बाड़ी सहित अन्य कार्यों का स्थानीय विधायक एवं जनप्रतिनिधियों से अवलोकन कराने के निर्देश जारी किए है. मस्तूरी विकासखंड में संचालित रूर्बन मिशन के क्रियान्वयन में लापरवाही की शिकायत मिलने पर परियोजना के नोडल अधिकारी को शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए. मंत्री सिंहदेव ने मैराथन बैठक ली.
इस दौरान ग्रामीण विकास से संबंधित कार्यों की विस्तार से समीक्षा की. मनरेगा योजना के अंतर्गत कंवर्जेन्स के कामों के लिए स्पष्ट नीति बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत कार्यों का दायरा बहुत बड़ा है. तकरीबन 260 प्रकार के विकास संबंधी कार्य किए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि एससी, एसटी एवं महिलाओं को उनकी वास्तविक जनसंख्या के अनुरूप मनरेगा में रोजगार उपलब्ध किया जाना चाहिए. मनरेगा के अंतर्गत वन अधिकार पत्रधारी किसानों को भूमि सुधार, पौधारोपण आदि के काम स्वीकृत करने के निर्देश दिए. मंत्री सिंहदेव ने मनरेगा के अंतर्गत मजदूरों की संख्या और बढ़ाकर काम देने को कहा है.
मंत्री ने स्पष्ट किया कि 15 वें वित्त आयोग के तहत पंचायतों में बकाया बिजली बिल का भुगतान भी किया जा सकता है. स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा करते हुए गांवों में निर्मित सामुदायिक शौचालय की उपयोगिता बढ़ाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि शौचालय में पानी और देख-रेख की सुविधा अनिवार्य रूप होने चाहिए. आरईएस द्वारा कार्यों में अत्यंत धीमी गति से किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई.
मुंगेली जिले की समीक्षा के दौरान मंत्री ने यहां तक कर दिया कि मुंगेली का भगवान ही मालिक है. दरअसल बीते वर्ष स्वीकृत 81 कार्यों में से केवल एक कार्य पूर्ण किए जाने पर मंत्री का गुस्सा फूट पड़ा और अफसरों को जमकर फटकार लगाई. पीएमजीएसवाई की समीक्षा में बताया गया कि योजना में अब नई सड़क नहीं ली जा रही है. जिन सड़कों को बने 10 साल से ज्यादा हो गए हैं. उनके चौड़ीकरण का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.