Chhattisgarh News: बतौली के शिक्षक रमा भिलाष शर्मा कलेक्टर के हाथों हुए सम्मानित, 42 वर्षों की सेवा अवधि में अनेक बार पुरस्कारों से नवाजा गया



बतौली (फटाफट न्यूज) | प्रशांत खेमरिया

Surguja News: सरगुजा जिले के बतौली में रहने वाले वरिष्ठ सेवानिवृत्त शिक्षक रमा भिलाष शर्मा को सरगुजा कलेक्टर ने उनके विशेष कार्यों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद सम्मानित किया है। इनके साथ जिले भर के अन्य सेवानिवृत्त शिक्षकों का भी सम्मान किया गया था। रमा भिलाष शर्मा 42 वर्षों की सेवा अवधि में अनेक बार पुरस्कृत किए जा चुके हैं। उनकी प्रसिद्धि अच्छे शिक्षक के रूप में होती रही।

गौरतलब है कि शिक्षक सम्मान समिति सरगुजा के तत्वाधान में रविवार को शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अम्बिकापुर में शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रुप में कलेक्टर कुंदन कुमार उपस्थित थे। गुरु दक्षिणा के रूप में कलेक्टर द्वारा सेवानिवृत्त शिक्षकों के पेंशन, ग्रेच्युटी सहित अन्य समस्याओं के निराकरण की मानक व्यस्था की जा रही है।समारोह में शिक्षकों को शॉल, श्रीफल से सम्मानित किया है।

कलेक्टर ने शिक्षकों के संबंध में अपने बहुमूल्य विचार रखे। उन्होंने कहा कि शिक्षक ज्ञान बांट कर देश का भविष्य उज्जवल करने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। सभी शिक्षक शिक्षा को एक मिशन के रूप में लें और बच्चों को इस तरह पढ़ाएं कि कक्षा में सभी बच्चे उच्च अंको से पास हो।

बतौली के रमा भिलाष शर्मा ने धौरपुर के अस्कला और सिलसिला मिडिल स्कूलों में अपनी सेवाएं दी है। तत्कालीन कलेक्टर रितु सेन और आर प्रसन्ना के हाथों श्रेष्ठ अध्यापन कार्य के लिए उन्हें पुरस्कृत किया जा चुका है। इसके अलावा विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने, स्कूलों में स्वछता अभियान संचालित करने और पढ़ाई के संबंध में नवाचार के लिए भी उन्हें कई बार पुरस्कृत किया गया है। दिसंबर 2021 को सेवानिवृत्त हुए शिक्षक हमेशा श्रेष्ठ शिक्षक के रूप में जाने जाते रहे।

गौरतलब है कि रमा भिलाष शर्मा क्षेत्र में एक वॉलीबॉल खिलाड़ी के रूप में भी प्रसिद्ध थे। शॉट तैयार करने में उन्हें महारत हासिल थी। सेवानिवृत्ति के बाद भी वे शिक्षा के प्रचार प्रसार में संलग्न है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि सम्मान प्राप्त करके वे अभिभूत हैं। सरगुजा कलेक्टर का धन्यवाद करते हैं। शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। सेवानिवृत्ति के बाद भी यदि जरूरत महसूस हुई तो शिक्षा के प्रचार प्रसार वे हमेशा उपलब्ध रहेंगे।