Kanker News: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता एवं आयोग के सदस्य नीता विश्वकर्मा और अर्चना उपाध्याय की उपस्थिति में जिला कार्यालय कांकेर के सभाकक्ष में महिलाओं के उत्पीड़न से संबंधित 15 प्रकरणों की जनसुनवाई किया गया। जनसुनवाई पश्चात् 12 प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया गया तथा तीन प्रकरणों की सुनवाई रायपुर में स्थानांतरित की गई। जनसुनवाई में आवेदक, अनावेदक के साथ ही जिले के कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला और पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।
जिला कार्यालय कांकेर में आयोजित जनसुनवाई में एक आवेदिका के प्रकरण का निराकरण एसडीएम कार्यालय कांकेर में होने के कारण निराकरण के आदेश प्रति को प्रकरण के साथ संलग्न किया गया। आयोग ने अपने आदेश में कहा कि अपील प्रकरण को आगे जारी रखना नहीं चाहते हैं, इसलिए प्रकरण को नस्तीबद्ध किया जाता है। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसके पति ने दूसरा विवाह कर लिया है और आवेदिका को घर से निकाल दिया तथा बेटी को अपने साथ रख लिया है। भरण-पोषण के लिए कोई सहायता नहीं मिलता एवं अपनी छोटी बेटी का लालन-पालन वह स्वयं कर रही है। अनावेदक के साथ उसकी मॉ एवं बेटी और उसकी दूसरी पत्नी रहती है। सभी रायपुर में निवासरत हैं। जिसके कारण मैं अपनी सुनवाई रायपुर जिले में करना चाहती हूॅ। प्रकरणों को सुनने के बाद आयोग द्वारा इस प्रकरण को रायपुर जिले में स्थानांतरित किया गया।
एक अन्य मामले में आवेदिका ने बताया कि उसका पति दूसरा विवाह कर लिया है, जिसका फोटो और शादी का निमंत्रण कार्ड आवेदिका ने जनसुनवाई में प्रस्तुत किया। आवेदिका ने बताया कि अनावेदक भरण-पोषण करने के नाम पर एक मुश्त राशि देने से मुकर रहा है और विवाह विच्छेद का प्रकरण भी प्रस्तुत किया था जो खारिज भी हो चुका है। आवेदिका को जिला विधिक सहायता प्राधिकरण के अधिवक्ता से संपर्क कर निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त करने की सलाह दिया गया।
एक अन्य प्रकरण में महिला एवं बाल विकास परियोजना पखांजूर के सभी सुपरवाईजरों द्वारा लिपिक के विरूद्ध शिकायत की गई थी, जिसकी सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि पखांजूर परियोजना के अनावेदक के विरूद्ध शिकायत सही पाये जाने पर उनके विरूद्ध विधि अनुरूप कार्यवाही की जायेगी। इस संबंध में उनके द्वारा अनुविभागीय अधिकारी पुलिस और महिला बाल विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया। इस प्रकरण को कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत कर 15 दिवस के भीतर निराकृत कर आयोग को सूचित करने के लिए भी कहा गया है।
प्रकरणों के जनसुनवाई के पश्चात् मानव तस्करी के रोकथाम के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया तथा महिला आयोग द्वारा मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ अभियान के तहत चलचित्रों के माध्यम से लोगों को दहेज प्रताड़ना, टोनही प्रताड़ना, घरेलु हिंसा एवं अन्य महिलाओं के विरूद्ध अपराधों के संबंध में जानकारी दी गई।