Chhattisgarh News: जिला मुख्यालय से लगे गांव के करीब पहुंचा 10 हाथियों का दल, फसलों को पहुंचाया नुकसान; चिंघाड़ से ग्रामीणों में दहशत



Koriya News: दस हाथियों का दल जिला मुख्यालय से लगे सलबा, सलका के नजदीक पहुंच गया है। रविवार अल सुबह 3:43 बजे हाथियों की चिंघाड़ सुनकर ग्रामीण सहम गए। स्टेट हाइवे को पार कर हाथी सलबा के कांदाबाड़ी में डेरा जमाए हुए हैं। हाथियों की धमक के बाद मेंको सलबा सड़क पर शाम ढलने के बाद आने जाने पर रोक लगा दी गई है। चौकीदार हाथी की सूचना देते हुए ग्रामीणों को वापस लौटा रहे हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि पिछली बार कांदाबाड़ी में हाथी हफ्तेभर से अधिक रूके थे। कई बार तो हाथी महीने भर यहीं डेरा जमाए रहते हैं। अगर हाथियों का दल हाइवे के नजदीक आ गया तो खतरा बढ़ जाएगा, क्योंकि हाथी स्टेट हाइवे से डेढ़ किमी ही दूर हैं। हाथी समिति का कहना है कि दो दिन पहले ही हाथी दल के आने की सूचना ग्रामीणों को दे दी गई थी। रविवार सुबह हाथी दल कांदाबाड़ी पहुंचा है।

गांव से लगे जंगल में हाथी चिंघाड़ रहे हैं, इससे आसपास के ग्रामीण दहशत में हैं। इधर वन अफसरों ने ग्रामीणों से कहा है कि वे महुआ शराब न बनाएं। महुएं की खुशबू से हाथी गांव में पहुंचकर कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। सलबा के हाथी भगाओ संयोजक रामकुमार ने बताया कि लगातार हाथी नए क्षेत्र में जाने को प्रयास कर रहे हैं, रात में लोग घरों से बाहर न निकले इसलिए मुनादी कराकर सभी को जानकारी दे दी गई है।

सलबा जंगल हाइवे से लगा हुआ है, ऐसे में खतरा अधिक है। हाथियों के दल ने सलबा में तो कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है, लेकिन दुधनिया में उन्होंने खेतों में लगी फसल को जमकर नुकसान पहुंचाया। हाथी की गर्जना से पूरे इलाके में दहशत है।

जिला मुख्यालय से लगे सलबा-सलका में हाथी दल की आमद के बाद के किसान दहशत में है, क्योंकि धान की फसल अब खेतों में तैयार हो रही है। पहले ही कमजोर बारिश से धान कम है। अब हाथियों से धान की सुरक्षा करने में परेशानी हो रही है।

सलबा के चाैकीदार मैनुद्दीन ने बताया कि तीन साल पहले आए दल ने फेसिंग तार, चेतावनी बोर्ड को तोड़ दिया था। गांव में हाथी भगाने के लिए समिति में चार पदाधिकारी व 10 सदस्य हैं। वह 10 साल से हाथियों और ग्रामीणों का द्वंद रोकने का कार्य कर रहे हैं। सलबा मेंको सड़क पर देर शाम आने जाने पर रोक लगा दी गई है। हाथियों ने कांदाबाड़ी जंगल में डेरा डाल दिया है।

जिला मुख्यालय के नजदीक हाथियों का मूवमेंट बढ़ने से लोग दहशत में हैं। हालांकि वन अफसरों का कहना है कि हाथी अपने रास्ते कोरबा जिले की ओर आगे बढ़ जाएंगे। एसडीओ ने बताया कि हफ्तेभर पहले ही हाथियों का दल मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ की सीमा बिहारपुर में दाखिल हुआ है। अभी कुछ किसानों के खेतों में लगी धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है। किसानों और ग्रामीणों को समझाइश दी जा रही है कि वे हाथियों के आसपास न जाएं। क्योंकि, वे इस समय शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे हैं।