Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में पोटास बम से हाथी शावक की मौत, गिरफ्तार हुए आरोपी… फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने लिया एक्शन

Elephant cub died due to potash bomb: गरियाबंद। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में पोटाश बम से घायल हुए हाथी के शावक की मौत मामले में वन विभाग को बड़ी सफलती मिली है। वन विभाग ने 6 आरोपियों में से 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सात दिसंबर को हाथी के शावक की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। बेबी एलिफेंट 8 नवंबर को पोटाश बम के धमाके में उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में घायल हो गया था। वन विभाग को इस केस की जानकारी 10 नवंबर को हुई थी। उसके बाद 27 नवंबर को यह हाथी का शावक वन विभाग को मिला। जिसके बाद उसका इलाज शुरू हुआ। शनिवार 14 दिसंबर को इस केस में आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है।

उदंती सीतानदी टाइगर प्रोजेक्ट के उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि पोटाश बम से जो हाथी घायल हुआ था उस बारे में जांच की गई। इसमें गरियाबंद पुलिस का सहयोग लेकर और गोपनीय सूचना के आधार पर तीन आरोपियों को हिरासत में लिया गया। एक आरोपी के घर से सात पोटाश बम बरामद किए गए। तीनों आरोपियों को क्राइम सीन पर ले जाया गया, जहां सीन को रिक्रिएट किया गया।

“आरोपियों ने खुलासा किया कि 6 नवंबर की शाम को कैसे उन्होंने अलग अलग जगहों पर पोटाश बम लगाया था। आरोपियों ने ये भी बताया कि सात नवंबर को जब वे घटनास्थल पर पहुंचे तो तीन बम उन्हें मिल गए लेकिन एक बम नहीं मिला। जिसके बाद उन्होंने पूछताछ की, जिसके बाद उन्हें पता चला कि मौके पर खून के धब्बे हाथी के पद चिन्ह मिले।”

– वरुण जैन, उपनिदेशक, उदंती सीतानदी टाइगर प्रोजेक्ट

उपनिदेशक ने इस बात की भी जानकारी दी कि तीनों आरोपी अरसी कनहर फरसगांव के रहने वाले हैं। दो आरोपी फरार है। इसके अलावा ओडिशा के एक व्यक्ति का नाम सामने आ रहा है जिसने 700 रुपये प्रति गोला के हिसाब से आरोपियों को पोटाश बम मुहैया कराया था। उसकी पतासाजी की जा रही है. फरार आरोपियों की धरपकड़ जल्द से जल्द हो जाएगी। हफ्ते भर के अंदर पूरे मामले की गुत्थी सुलझाने का दावा किया गया है।

हाथी के शावक की मौत में कब क्या क्या हुआ?

8 नवंबर को पोटाश बम धमाके में हाथी का शावक घायल हो गया था। पोटाश बम से शावक के जबड़े और पैर में गंभीर चोट आई। जिसके बाद 40 हाथियों के दल ने शावक को अकेला छोड़ दिया। 10 नवंबर को हाथी के शावक के घायल होने का खुलासा हुआ। जिसके बाद वन विभाग की टीम हाथी की तलाश में लग गई। उसके बाद 27 नवंबर को वन विभाग की टीम ने हाथी को ट्रेस कर उसका सफल रेस्क्यू किया। रायपुर जंगल सफारी से विशेषज्ञ को बुलाया गया। इलाज शुरू हुआ लेकिन हाथी के शावक को बचाया न जा सका। अब इस केस में हाथी के हत्या के आरोप में वन विभाग ने एक्शन लिया है।

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