छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले की ग्राम पिहरीद की घटना के बाद कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने खुले बोर की पड़ताल करने और उसे तत्काल बंद करने का निर्देश जारी किया है। अनुविभागीय अधिकारियों के अलावा तहसीलदार को प्रभार वाले ग्रामीण क्षेत्रों में इस संबंध में तत्काल पड़ताल कराने और आवश्यक कार्रवाई करने कहा है।
पिहरीद की घटना देश सहित छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी सबक है। इस तरह की घटना की पुनरावृति ना हो और कोई राहुल इस तरह बोर में ना गिरे इसे ध्यान में रखते हुए कलेक्टर डॉ. मित्तर ने जिले के एक-एक गांव से लेकर नगरीय निकाय क्षेत्रों के वार्डों में खुले बोर की खोजबीन करने और कहीं खुला बोर मिले तो उसे तत्काल बंद कराने का निर्देश दिया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में कोटवार के जरिए मुनादी कराने कहा गया है। मुनादी के दौरान कोटवार इस बात का विशेषतौर पर जिक्र करेंगे कि किसी किसान ने खेत या बाड़ी में बोर कराया है और उसे खुला छोड़ दिया है तो प्राथमिकता के आधार पर उसे सबसे पहले बंद करे। किसी तरह की क्षति होने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी जा रही है। कलेक्टर के निर्देश का असर भी दिखाई दे रहा है। ग्रामीण इलाकों में कोटवार के जरिए मुनादी कराई जा रही है।
कोटवार व पटवारी के अलावा ग्राम पंचायतों की भूमिका भी तय कर दिया है। ग्राम पंचायत सचिव के अलावा सरपंच व पंचों को इस दिशा में गंभीरता के साथ काम करने कहा गया है। पंचों को अपने वार्ड के किसानों से यह जानकारी लेनी है कि जिसने बोर कराया है उसे खुला तो नहीं छोड़ दिया है। अगर खुला छोड़ दिया है तो उसे तत्काल बंद कराने का काम भी पंच अपने माध्यम से करेंगे। जस्र्रत पड़ी तो पंचायत व ग्रामीणों का सहयोग भी लेंगे।
शहर के भीतर अंडरग्राउंड सीवरेज सिस्टम के तहत भूमिगत पाइप लाइन बिछाई गई है। पाइप लाइन बिछाने के साथ ही मेनहोल भी बनाया गया है। ठेका कंपनी के स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते मेनहोल को ढकने के बजाय खुला छोड़ दिया है। बीच सड़क में कई जगह मेनहोल खुला हुआ है। इससे दोपहिया वाहन चालकों के अलावा बच्चों व आम लोगों के लिए कभी भी खतरा पैदा हो सकता है।