बिलासपुर। मस्तूरी के ग्राम सरसेनी में हैंडपंप का दूषित पानी पीने से एक बार फिर डायरिया फैलने लगा हैं। रविवार को 11 मरीज मिले हैं। इनमें से चार गंभीर मरीजों को सिम्स में भर्ती कराया गया है। वहीं अन्य सात का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मस्तूरी में उपचार चल रहा है। इसकी जानकारी मिलने पर मस्तूरी स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंच गई है। उल्टी-दस्त के मरीजों को खोजा जा रहा है।
बीते गुरुवार को भी ग्राम सरसेनी में डायरिया के 20 मरीज मिले थे। लेकिन उसके बाद दो दिन तक मरीज नहीं मिले। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को लगा कि डायरिया प्रकोप नियंत्रण में आ चुका है। ऐसे में टीम मरीजों को दवा का वितरण कर लौट गई। लेकिन रविवार की सुबह से ग्रामीण फिर से उल्टी-दस्त से ग्रसित हो गए और देखते ही देखते 10 मरीज की हालत बिगड़ गई। इसकी जानकारी मिलने पर मस्तूरी स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची। जांच में चार मरीज की हालत गंभीर पाई गई।
चारों मरीज को तत्काल सिम्स रेफर कर दिया गया। पिछले बार हैंडपंप का पानी पीने वाले ग्रामीण बीमार पड़े थे। इस कारण हैंडपंप को सील कर दिया गया था। ऐसे आशंका है कि पेयजल के अन्य स्रोत भी दूषित हो गए हैं। ऐसे में गांव के प्रभावित क्षेत्र के हैंडपंपों से पानी का सैंपल लिया गया है। साथ ही गांव में नियंत्रण कार्य शुरू कर दिया गया है।
गुरुवार सील किए गए हैंडपंप के पानी की रिपोर्ट आ गई है। उसमे कुछ हानिकारक बैक्टीरिया मिले हैं। साफ है कि गांव के कई हैंडपंप का पानी दूषित हो चुका है। रविवार को लिए गए पानी के सैंपल को जांच के लिए सिम्स के माइक्रोबायोलाजी लैब भेजा गया है
ग्राम सरसेनी में सोमवार की सुबह से ही जांच शिविर लगाया जाएगा और पूरे गांव के लोगों की जांच की जाएगी। डायरिया के संभावित मरीज खोजकर उपचार की व्यवस्था होगी। जरूरत पड़ने पर गांव के सामुदायिक भवन में ही मरीजों के उपचार करने की व्यवस्था की जाएगी। वहीं, ग्रामीणों को अलर्ट किया गया है। पानी उबालकर पीने की सलाह दी गई है। ताकि पानी के हानिकारक बैक्टीरिया खत्म हो जाएं।