.नई दिल्ली. मोदी सरकार ने तय कर लिया है कि वो 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करके रहेगी. किसान समृद्ध होगा तो देश में क्रय शक्ति बढ़ेगी अर्थव्यवस्था की गाड़ी दौड़ने लगेगी. इसलिए खेती-किसानी के लिए बजट में रिकॉर्ड वृद्धि की गई है. खेती-किसानी के बजट में रिकॉर्ड 1.52 लाख करोड़ की वृद्धि की गई है. 2019-20 में इस क्षेत्र के लिए 1,30,485 करोड़ का बजट था जिसे बढ़ाकर 2,83,000 करोड़ कर दिया दिया गया है.
बता दें कि 2017-18 में कृषि के लिए सिर्फ 51,576 करोड़ का बजट था. सरकार को लगा कि किसानों को आगे बढ़ाना है तो इस क्षेत्र में पैसा अधिक देना होगा. इसलिए 2018 में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का बजटीय आवंटन 58,080 करोड़ रुपये कर दिया गया. पीएम नरेंद्र मोदी लगातार किसानों की स्थिति समझते रहे और उन्हें लगा कि कृषि प्रधान देश में किसानों की स्थिति सिर्फ इतनी रकम से बेहतर नहीं हो सकती. इसलिए वर्ष 2019-20 में खेती-किसानी के लिए कृषि मंत्रालय को 1,30,485 करोड़ रुपये का बजट दिया.
इसकी वजह से देश के 14.5 करोड़ किसानों को सालाना खेती के लिए 6000-6000 रुपये की डायरेक्ट सहायता देने की शुरुआत की गई. इस बार किसानों को लेकर कई और स्कीमों की घोषणा की गई है. इसलिए बजट में रिकॉर्ड 1.52 लाख करोड़ की वृद्धि करते हुए इसे 2.83 लाख करोड़ कर दिया गया है.
- इन योजनाओं पर होगा काम
देश में मौजूद वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज को नबार्ड अपने अंडर में लेगा और नए तरीके से इसे डेवलप किया जाएगा. देश में और भी वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज बनाए जाएंगे. इसके लिए PPP मॉडल अपनाया जाएगा.
महिला किसानों के लिए धन्य लक्ष्मी योजना का ऐलान किया, जिसके तहत बीज से जुड़ी योजनाओं में महिलाओं को मुख्य रूप से जोड़ा जाएगा.
जैविक खेती के जरिए ऑनलाइन मार्केट को बढ़ाया जाएगा.
किसान क्रेडिट कार्ड योजना को 2021 के लिए बढ़ाया जाएगा.
दूध के प्रोडक्शन को दोगुना करने के लिए सरकार की ओर से योजना चलाई जाएगी.
मनरेगा के अंदर चारागाह को जोड़ दिया जाएगा.
मछली पालन को बढ़ावा दिया जाएगा. फिश प्रोसेसिंग को बढ़ावा दिया जाएगा.
किसानों को दी जाने वाली मदद को दीन दयाल योजना के तहत बढ़ाया जाएगा.
विमान से जाएगा किसानों का सामान, कृषि उड़ान योजना को शुरू किया जाएगा.
फर्टिलाइजर का बैलेंस इस्तेमाल करने को प्रेरित किया जाएगा, ताकि जमीन खराब न हो और स्वास्थ्य भी ठीक रहे.