Breaking News: धान खरीदी घोटाले में अब तहसीलदार, पटवारी के खिलाफ होगी कार्रवाई… जांच टीम ने कलेक्टर को सौंपी रिपोर्ट.. कलेक्टर के निर्देश पर एडीएम के नेतृत्व में बनी जांच टीम..
जांजगीर-चांपा । नवागढ़ ब्लाक के कीरित, तुलसी धान खरीदी केंद्र के प्रभारी एवं कंप्यूटर ऑपरेटर, तहसील कार्यालय के ऑपरेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद अब नवागढ़ के तत्कालीन तहसीलदार एवं तुलसी, कीरित के पटवारी के खिलाफ भी अब शिकंजा कसना शुरू हो गया है। जांच टीम में जांच कर कलेक्टर को रिपोर्ट सौंप दी है।
बताया जा रहा है कि कलेक्टर के निर्देश पर एडीएम के नेतृत्व पर तहसीलदार एवं पटवारी के खिलाफ भी जांच कर कार्रवाई की जाएगी। नवागढ़ तहसील कार्यालय में पूरे मामले का मास्टर माइंड कंप्यूटर ऑपरेटर के द्वारा जिले में फर्जीवाड़ा कर धान खरीदी में करोड़ों का घोटाला किया गया है। तहसील मॉडलर में आईडी-पासवर्ड का फायदा उठाकर कंप्यूटर ऑपरेटर इस तरह का फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया है।
धान खरीदी के फर्जीवाड़ा के मास्टरमाइंड तहसील कार्यालय का कंप्यूटर ऑपरेटर राम कुमार कुर्रे तहसीलदार मॉडलर से फर्जी किसानों रकबा खसरा नंबर का पंजीयन कर करोड़ों का चुना लगाया है। किसानों की ऋण पुस्तिका को देखें बगैर डायरेक्ट तहसीलदार माड्यूलर से फर्जी किसानोंं का नाम पंजीयन कर दिया है। बिना किसानों के आवेदन आए, दस्तावेज को बिना देखे शासकीय भूमि का पंजीयन कर फर्जीवाड़ा किया है।
फर्जी पंजीयन की भनक लगते हैं कलेक्टर ने किया तहसीलदारों का स्थानांतरण…
धान खरीदी केंद्रों पर फर्जी पंजीयन कर करोड़ों के घोटाला करने की भनक कलेक्टर को 15 दिन पहले ही लग गई थी। जिसके चलते बदनामी के डर से नवागढ़ के तत्कालीन तहसीलदार के साथ-साथ 2-4 और अन्य तहसीलदार का स्थानांतरण कर दिया गया। तहसीलदारों के स्थानांतरण के पीछे धान खरीदी में फर्जीवाड़ा होना भी मुख्य कारण बताया जा रहा है।
पूरे मामले में नवागढ़ के तत्कालीन तहसीलदार की मुख्य जिम्मेदारी भी थी कि अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को मॉनिटरिंग करते हुए पंजीयन के कार्य को संपन्न कराएं। लेकिन गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए कंप्यूटर ऑपरेटर के हवाले पूरे नवागढ़ क्षेत्र में पंजीयन को कराया गया जिसका अंजाम आज सामने है।
तहसील मॉडलर से हुआ फर्जीवाड़ा..
बताया जा रहा है कि धान खरीदी के लिए पंजीयन करने की व्यवस्था को शासन द्वारा दो बार बदला गया। पहले यूनिवर्सल पोर्टल में आरईओ के द्वारा सत्यापन कराकर पंजीयन किया गया। लेकिन आईओ द्वारा जानकारी के अभाव में भी कुछ गड़बड़ियां सामने आई। तो इसको बदलकर तहसील स्तर पर तहसील मॉडलर से पंजीयन किया गया। जिसमें तहसीलदार को जिम्मेदारी दी गई। जहां किसानों का पंजीयन हुआ है लेकिन इसी तहसील मॉडलर के आईडी और पासवर्ड से नवगढ़ तहसील कार्यालय का कंप्यूटर ऑपरेटर फायदा उठाते हुए फर्जी तरह से लोगों का रकबा खसरा एंट्री कर पंजीयन कर सरकार को करोड़ों का चूना लगा दिया। अब प्रशासन को जांच में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
किसानों का आवेदन आए बगैर ही हो गया पंजीयन…
कंप्यूटर ऑपरेटर तहसील मॉड्यूलर आईडी पासवर्ड किसानों का रकबा खसरा एंट्री कर बिना पटवारी के द्वारा गिरदावरी किए जमीन का फसल लगा होना बताकर शासकीय जमीन का रकबा खसरा का पंजीयन कर दिया गया। बिना ऋण पुस्तिका में किसानों का रकबा खसरा का मिलान किए पंजीयन कर क्या करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया गया। तहसीलदार कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा ना तो किसानों का आवेदन का देखा नहीं उसके दस्तावेज का जांच किया बिना गिरदावरी रिपोर्ट आए हैं फर्जी लोगों को पंजीयन कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है। किसानों का गिरदावरी रिपोर्ट तैयार कर पटवारी द्वारा तहसीलदार को रिपोर्ट सौंपी जाती है जिसमें किसानों का दस्तावेज रकबा खसरा नंबर के साथ धान खरीदी में पंजीयन किया जाता है लेकिन पटवारी भी घर बैठे ही गिरदावरी रिपोर्ट बनाकर इस तरह फर्जीवाड़े में कंप्यूटर ऑपरेटर का साथ दिया है।
मास्टरमाइंड कंप्यूटर ऑपरेटर सहित चारों आरोपी फरार..
नवागढ़ थाना प्रभारी मामले की गंभीरता को देखते हुए पांचों आरोपियों की बतासाजी शुरू कर दी है। मौके मुहाने पर तलाश करने गए पुलिस को आरोपी नहीं मिले फिलहाल अभी तक आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। बताया जा रहा है कि पांचो का लोकेशन ट्रेस कर पतासाजी में लगी हुई है। जल्द ही पांचों आरोपी की गिरफ्तारी हो सकती है।