जांजगीर चांपा। जिला मुख्यालय के एकमात्र क्रिकेट खेल मैदान पेंड्रीभाठा मिनी क्रिकेट स्टेडियम में कब्जा को लेकर दो क्रिकेट संघ के बीच आपसी खींचतान से विवाद की स्थिति बन गई. जिसको देखते हुए अधिकारी एवं पुलिस दल मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को शांत करने की कोशिश किया.और कलेक्टर कार्यालय बुलाकर दोनो पक्षों से चर्चा किया गया। एडिशनल कलेक्टर ने दोनों पक्षों की बात सुनी और बीच का समाधान निकालने की कोशिश की गई जिसमें साफ तौर पर जिला प्रशासन द्वारा कहा गया कि पूर्व में जाजवल्यदेव क्रिकेट वेलफेयर क्रिकेट संघ के ऊपर कई गंभीर आरोप लगे हैं . जिसकी शिकायत मिली है उन्हें पूरे 8 साल का खेल गतिविधि ,खेल मैदान से संबधित आवक जावक का हिसाब मांगा गया. जिसको लेकर जिला प्रशासन संगठन को खूब फटकार लगाई और हिसाब किताब देने की बात कही, लेकिन मौके पर किसी प्रकार का दस्तावेज एवं हिसाब किताब लेकर संगठन के पदाधिकारी नही पहुंचे थे। वही दूसरे पक्ष जिला क्रिकेट एसोसिएशन को भी कहा गया आपसी तालमेल बनाकर खेल भावना से खिलाड़ियों को खेल मैदान का लाभ दिलाए.
आपको बता दे की जाज्वल्यदेव क्रिकेट वेलफेयर एसोसिएशन पेंड्री भाठा मिनी क्रिकेट मैदान को विगत 8 वर्षों से एकेडमिक चला रहे हैं. इस क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष जांजगीर चांपा के विधायक व्यास कश्यप है और सचिव इरशाद आजम है.वही जिला क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव पद्मेश शर्मा है. विगत दिनों जिला प्रशासन को शिकायत मिली थी की जाजवल्यदेव क्रिकेट वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा कुछ गड़बड़ी की आशंका पर खेल मैदान में खिलाड़ियों से शुल्क के नाम पर वसूली किया जाता है। जिसके बाद जिला प्रशासन जाजवल्यदेव वेल फेयर क्रिकेट संघ से अधिपत्य वापस लेकर जिला खेल विभाग को से दिया गया।
कुछ दिनों बाद जिला क्रिकेट एसोसिएशन जांजगीर चांपा द्वारा खेल आयोजन को लेकर जिला प्रशासन के पास अपनी मांग रखी जिसमें जिला प्रशासन द्वारा संगठन से शुल्क लेकर खेलने की अनुमति एवं जिला क्रिकेट एसोसिएशन को अधिकार दे दिया था, लेकिन जब जिला क्रिकेट संघ द्वारा खिलाड़ियों को आज पेंड्री मिनी क्रिकेट स्टेडियम क्रिकेट का आयोजन करने पहुंचे तो जाजवल्यदेव वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों ने खिलाड़ियों को खेलने से रोका जिसको लेकर विवाद की स्थिति बनी। 2016 में बने पेंड्री मिनी क्रिकेट स्टेडियम बना था जिसको लेकर हमेशा विवाद की स्थिति सामने आ रही थी इसी के संबंध में जिला प्रशासन दोनों पक्षों से चर्चा कर समस्या का हल निकालने की बात कही है।