Janjgir-Champa News: जांजगीर के विशेष न्यायालय ने पूर्व सीएमएचओ डॉ. आरएल घृतलहरे को 7 साल की सजा सुनाई है, और 10 लाख जुर्माना किया है। मामला 2012 का है। लोक अभियोजक राजेश पांडेय ने बताया कि, आय से अधिक संपत्ति के मामले में एंटी करप्शन व्यूरो ने कार्रवाई की थी । जिसमे कुल आय से सौ पर्सेंट अधिक संपत्ति का खुलासा हुआ था। करोड़ों की सम्पत्ति मामले में एसीबी ने प्रकरण को जांजगीर के विशेष न्यायालय में पेश किया था। जिसकी आज सुनवाई हुई और पूर्व सीएमएचओ डॉ. आरएल घृतलहरे को विशेष न्यायालय के न्यायाधीश सुरेश जून ने 7 साल की सजा सुनाई है। वहीं 10 लाख का जुर्माना किया है।
वही न्यायालय ने धिरतलहरे की आय से अधिक संपत्ति को लगभग 1 करोड़ 4 लाख 61 हजार 335 रुपए को कुर्की करने के आदेश दिए हैं। न्यायालय में सजा सुनाए जाने के बाद जांजगीर के पूर्व सीएमएचओ आर एल धुतलहरे ने मीडिया से बचने के लिए अपनी पत्नी के दुपट्टे से मुंह छुपाते रहे। बाद में उन्हें भेज दिया गया।
राज्य आर्थिक अनुसंधान ब्यूरो रायपुर को आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने की शिकायत प्राप्त होने पर दिनांक 26.08.2012 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला जांजगीर चांपा के विरूद्ध बिना नंबरी प्रथम सूचना पत्र दर्ज की गयी थी। प्रकरण में राज्य आर्थिक अपराध व्यूरो के अधिकारी द्वारा टीम बनाकर मुख्य जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रामलाल घृतलहरे के अमेरी स्थित मकान, जांजगीर स्थित मकान एवं कार्यालय तथा ग्राम खरमोरा स्थित भूमि रायपुर में स्थित मकान, अमेरी में स्थित उसकी पत्नी के नाम पर आवासीय जमीन एवं पत्नी के नाम से घुरू में स्थित 8 एकड़ जमीन एवं पुत्र के नाम पर घुरू में स्थित भूमि 1.96 एकड़ एवं पत्नी के नाम से ग्राम खरमोरा तहसील कोरबा में स्थित जमीन एवं कार, मोटर सायकल एवं अन्य मकान में रखें बिलास की वस्तुओं की जांच करते हुए तथा सेवाकाल के दौरान उसके द्वारा लिये गये विभिन्न बीमा पालिसियों एवं बांड शेयर तथा उसके सेवा काल के दौरान अर्जित किये गये। आय की गणना करते हुए उसके द्वारा आय से अधिक व्यय किये जाने के संबंध में अभियोग पत्र माननीय विशेष न्यायालय जांजगीर के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। अभियोजन द्वारा विशेष न्यायालय के समक्ष 18 गवाहों का परीक्षण कराया गया।
माननीय विशेष न्यायाधीश सुरेश कुमार जून ने समस्त गवाहों के कथनों एवं राज्य आर्थिक अपराध व्यूरो, द्वारा छापे के दौरान एकत्रित किये गये दस्तावेजों एवं साक्षियों का परिशीलन करते हुए पाया कि आरोपी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. रामलाल घृतलहरे के द्वारा अपने सेवाकाल के दौरान कुल वैध आय 1.26,65,366.00 रूपये प्राप्त किया गया। जबकि उसके द्वारा व्यय 2.31,26,701.00 रूपये वैध साधनों से प्राप्त आय से अधिक 1,04,61,335,00 रूपये लगभग वैध आय से 100 प्रतिशत अधिक व्यय किया जाना पाया है।
जिस पर माननीय विशेष न्यायाधीश सुरेश जून के द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. रामलाल घृतलहरे को प्रिवेशन एवं करप्शन एक्ट 1988 की धारा 13 (1) ई एवं धारा 13-2 के अंतर्गत दोषी पाते हुए 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10 लाख अर्थदण्ड से दंडित किया है। साथ ही, 1.04,61,335.00 की सम्पत्ति अर्थात उसके नया रायपुर स्थित मकान टाटीबंध रायपुर स्थित मकान उसकी पत्नी द्वारा ग्राम खरमोरा में खरीदे गये भूमि एवं बिलासपुर सीएलसी प्लाजा में स्थित व्यवसायिक भवन तथा बिलासपुर में स्थित अन्य भूमि जो कि व्यावसायिक भूमि है। ग्राम पहुंदा तहसील पाटन जिला दुर्ग में स्थित भूमि को राजसात किये जाने का निर्णय पारित किया है। उक्त प्रकरण में अभियोजन की ओर से राजेश पाण्डेय लोक अभियोजक जांजगीर ने पैरवी की।
आरोपी सीएचएमओ पत्नी में मीडिया के मोबाइल को छीन कर फेंका..
जांजगीर के पूर्व सीएचएमओ आर एल धिरतलहरे के मामले में जब मीडिया कवरेज के लिए न्यायालय पहुंचे तो आरोपी धिरतलहरे के पत्नी ने वीडियो बनाने का विरोध करते हुए एक मीडिया साथी के मोबाइल को लूट के जमीन में फेंक दिया बाद में मीडिया और आरोपी की पत्नी के बीच बहस होते रही। उसकी पत्नी ने मीडिया के लोगो को न्यूज़ कवरेज करने से बार-बार रोकने की भी कोशिश किया ।