
जांजगीर-चांपा। लोकतंत्र में निर्वाचन की एक प्रक्रिया होती है जिसमें दो पार्टी के प्रत्याशी चुनाव लड़ते हैं. वही जिसकी संख्या ज्यादा होती है उस प्रत्याशी एवं पार्टी की जीत होती है. लेकिन जिला पंचायत जांजगीर चांपा में पहली बार देखने को मिला कि कांग्रेस के जिला पंचायत सदस्य निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए जिसके चलते बीजेपी के जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित हुए। इस तरह जिला पंचायत सदस्यों ने सीधा-सीधा लोकतंत्र के निर्वाचन में शामिल नहीं होकर जनता को धोखा दिया है. संख्या बल पर्याप्त नहीं होने के बावजूद कुछ सदस्य कांग्रेस के पास थे. लेकिन उन्होंने न तो अध्यक्ष के लिए अपने प्रत्याशी खड़े किए, नहीं उपाध्यक्ष के लिए किसी प्रत्याशी का नाम आगे किया। जांजगीर चांपा जिले में तीनों विधानसभा में कांग्रेस के विधायक मौजूद है,बाउजूद उन्होंने जिला पंचायत चुनाव में अपनी ताकत नहीं दिखाई । जिसके चलते बीजेपी को आसानी से वाक ओवर मिल गया है। या कहे जाए सीधे-सीधे भाजपा के सामने कांग्रेस ने घुटने टेक दिए।

जिला पंचायत जांजगीर-चांपा के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का निर्वाचन पीठासीन अधिकारी अपर कलेक्टर उज्जवल पोरवाल एवं सहायक पीठासीन अधिकारी डिप्टी कलेक्टर शशि कुमार चौधरी की उपस्थिति में जिला पंचायत जांजगीर-चांपा के सभाकक्ष में किया गया। जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के लिए नियत समयावधि में एक ही नाम निर्देशन पत्र प्राप्त हुआ। नाम निर्देशन पत्र की संवीक्षा उपरांत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद के लिए एक-एक नाम निर्देशन पत्र विधिमान्य पाए गए। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सत्यलता आनंद मिरी एवं उपाध्यक्ष गगन जयपुरिया निर्विरोध निर्वाचित हुए। इस दौरान पीठासीन अधिकारी ने नव निर्वाचित अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष को प्रमाण पत्र प्रदान किया।
जीत के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सत्यलता आनंद मिरि ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहां का की यह जीत जनता की जीत है. प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के द्वारा किए गए विकास की जीत है।