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जांजगीर चाम्पा। जल जीवन मिशन के तहत हो रहे हैं। जिले में काम को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी ने काम नहीं करने एवं गुणवत्ता में कमी लाने के कारण 9 ठेकेदारों का अनुबंध समाप्त कर दिया है। वही 1 साल तक सभी 9 ठेकेदारो को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। यह ठेकेदार डभरा एवं बम्हनीडीह ब्लाक में काम कर रहे थे। देखा जा रहा है कि बार-बार प्रशासन के निर्देश के बावजूद ठेकेदारों द्वारा काम में लापरवाही बरती जा रही है।
केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना के तहत् गांव-गांव में पानी टंकी व पाइप लाइन के माध्यम से घर-घर तक पानी पहुंचाना हैं। इसके लिए आठ सौ करोड़ रूपए खर्च कर हर घर पानी पहुंचाया जाएगा। गांवों में टंकी बनाने व पाइप लाइन विस्तार के लिए ठेकेदारों से आनलाइन निविदा मंगाई गई हैं। इसमें नियमों की अनदेखी कर अनाप-शनाप अनभिज्ञ के ठेकेदारों को रेवाड़ी की तरह काम बांटा गया। जिसके कारण काम में देरी एवं गुणवत्ता में कमी आई। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के नियमानुसार डी ग्रेड के ठेकेदार को एक करोड़ रूपए और सी ग्रेड के ठेकेदार को दो करोड़ रूपए तक का काम दिया जाना हैं। जबकि बी ग्रेड के ठेकेदार को आठ करोड़ और ए ग्रेड के ठेकेदार को उससे अधिक के कार्य दिए जाने का प्रविधान है। मगर जल जीवन मिशन के कार्यों में इस मापदंड का पालन नहीं हो रहा है। छोटे- छोटे ठेकेदार भी एक करोड़ रूपए से अधिक के काम के लिए निविदा भर कर काम कर रहे हैं। एक ही ठेकेदार कई जगह अलग-अलग काम कर रहा है।
एक काम को पूर्ण किए बिना दूसरा काम व्यवहारिक रूप से उसी ठेकेदार को नहीं दिया जाता ताकि काम समय पूर्ण हो सके। मगर जल जीवन मिशन के कार्यो में ठेकेदारों की क्षमता का आकलन किए बिना ही काम दिया गया। ऐसे में संसाधन के अभाव में कार्य में विलंब तो होगा ही और निर्माण की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी। ज्यादातर छोटे ठेकेदार काम को पेटी ठेकेदारों को दे दिए है। ऐसे में गुणवत्तायुक्त काम को लेकर संशय बरकरार है। घर-घर जल पहुंचाने जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है मगर इसके क्रियान्वयन में जिस तरह लापरवाही बरती जा रही हैं। उससे धरातल में इस योजना के सफ़ल होने पर संशय है।