जांजगीर चांपा। जांजगीर नैला नगर पालिका अध्यक्ष के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने कचहरी चौक में निर्मित डॉ.भीमराव अंबेडकर की मूर्ति का अनावरण विवादों के बावजूद कर दिया. अनावरण को लेकर लगातार विवाद की स्थिति बनी हुई थी जिसमें छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष के हाथों आज दिनांक को अनावरण का कार्यक्रम होना था. लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा जिला प्रशासन से किसी प्रकार की अनुमति एवं जानकारी नहीं देने के कारण जिला प्रशासन की ओर से यह कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया था. बावजूद नगर पालिका अध्यक्ष ने जिला प्रशासन के नोटिस का आह्वेलना करते हुए मूर्ति का अनावरण असंवैधानिक तरीके से कर दिया गया. मौके पर भारी संख्या पर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता एवं विधायक मौजूद रहे. तनाव की स्थिति को देखते हुए मौके पर पुलिस बल भी तैनात थे लेकिन पुलिस ने किसी प्रकार की कोई टोका टाकी नहीं की, न हीं किसी को मूर्ति अनावरण करने से रोका। क्योंकि जिला प्रशासन में नोटिस जारी कर इस परिसर में किसी प्रकार का टेंट लगाने एवं मूर्ति का अनावरण करने में प्रतिबंध लगाया था।
इस मूर्ति अनावरण के लिए भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा एवं पार्षदों ने इसका विरोध किया था. और इसकी शिकायत जिला प्रशासन से भी किया था. इसके बाद जिला प्रशासन कार्यक्रम पर लोग रोक लगा दिया था. वही अपने नोटिस में कहा था कि डॉ आंबेडकर मूर्ति स्थल पर किसी प्रकार का टेंट लगाना या अनावरण करना प्रतिबंधित था. उसके बाउजूद आज नगर पालिका के अध्यक्ष द्वारा कांग्रेसियों के नेतृत्व में मूर्ति का अनावरण कर दिया गया। जब इस मूर्ति का अनावरण नगर पालिका अध्यक्ष को ही करना था तो कार्यक्रम के लिए अतिथियों को बुला कर निमंत्रण कार्ड क्यों छपवाया गया,और क्यों नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरण दास महंत को मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में बुलाकर डॉ. अंबेडकर की मूर्ति को अनावरण करना चाह रहे थे. लेकिन विवाद को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष ने आने से मना कर दिया. नेता प्रतिपक्ष के कार्यक्रम को जिला प्रशासन द्वारा रोक लगाने के बाद डॉक्टर चरण दास महंत की जिले में खूब किरकिरी हुई, वहीं शहर में कई प्रकार का चर्चा गर्म रही. लोगो ने कहा कि अब जांजगीर चांपा जिले में डॉ. महंत का अस्तित्व खत्म होते दिख रहा है जिसके चलते उनका कार्यक्रम को जिला प्रशासन द्वारा स्थगित कर दिया गया. इसके बाद नपा अध्यक्ष ने अपने कांग्रेसी कार्यकर्ता और विधायकों के साथ मूर्ति का अनावरण कर दिया. अब देखना होगा कि असंवैधानिक तरीके से हुए मूर्ति अनावरण पर जिला प्रशासन का क्या रुख होता है. और किस प्रकार पर की इस पर कार्यवाही हो सकती है.