Big Breaking: मूर्ति अनावरण मामले में कलेक्टर के निर्देश पर जांच टीम गठित… दोषियों पर होगी कार्यवाही… पूरे घटना का षड्यंत्र शिवरीनारायण के रेस्ट हाउस में रचा गया: सूत्र

जांजगीर चांपा। जांजगीर के कचहरी चौक में स्थित डॉ भीमराव अंबेडकर की मूर्ति अनावरण मामले में प्रशासन का रुख सामने आया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेसी नेता द्वारा बिना अनुमति के मूर्ति अनावरण करने मामले में जांच टीम गठित हो गई है. जो पूरे मामले की जांच करेगी. वही छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ने भी पूरे मामले में संज्ञान लेते हुए कार्यवाही का आश्वासन दिया है.

आपको बता दे की नगर पालिका अध्यक्ष के द्वारा जांजगीर के कचहरी चौक के पास निर्मित डॉ अंबेडकर पुण्यतिथि पर मूर्ति का अनावरण कार्यक्रम 7 दिसंबर को रखा गया था. बकायदा निमंत्रण कार्ड छपवा कर नेताप्रतिपक्ष डॉ चरण दास मंहत के हाथों अनावरण कार्यक्रम करना था. लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने इसका विरोध किया जिला प्रशासन को शिकायत करते हुए कहा गया कि नगर पालिका अध्यक्ष मनमानी कर रहे हैं, मूर्ति अनावरण के लिए न तो बीजेपी पार्षदो को आमंत्रित किया गया हैं, न हीं जिला प्रशासन से किसी प्रकार का अनुमति ली गई है.

जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा भी एक नोटिस जारी कर नगर पालिका अध्यक्ष एवं कांग्रेसियों को मूर्ति अनावरण करने के लिए प्रतिबंध लगा दिया . बाऊजुद 7 दिसंबर को कांग्रेसी विधायकों द्वारा भारी संख्या में मूर्ति का अनावरण कर दिया. जिसके चलते पूरा मामला और गरम हो गया है. भाजपाइयों ने इसकी शिकायत प्रभारी मंत्री ओपी चौधरी से भी कर दी. मंत्री ने भी पूरे मामले में संज्ञान लेते हुए कार्रवाई का आश्वसन दिया है. वहीं जिला प्रशासन भी इस मामले में टीम गठित कर जांच की बात कही है. अब देखना होगा कि जिला प्रशासन द्वारा किस तरह की जांच करती है,और क्या कार्रवाई करती है.

शिवरीनारायण के रेस्ट हाउस में रचा गया पूरा षड्यंत्र…

7 दिसंबर को नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत के हाथों डॉ.भीमराव अंबेडकर मूर्ति का अनावरण कार्यक्रम रखा गया था जिस पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया था. जिला प्रशासन का कहना था कि इस कार्यक्रम के बारे में नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा किसी प्रकार की जानकारी एवं अनुमति नहीं लिया गया था, जिसके कारण यह मूर्ति अनावरण कार्यक्रम को स्थगित किया जाता था. बावजूद नगर पालिका अध्यक्ष के नेतृत्व में विधायकों द्वारा मूर्ति का अनावरण कर दिया गया. उसके बाद पूरा मामला और तुल पकड़ लिया।

सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि पूरा घटना का षड्यंत्र शिवरीनारायण के के रेस्ट हाउस में रचा गया था. पूरा घटनाक्रम नेता प्रतिपक्ष के निर्देश में हुआ है. नेताप्रतिपक्ष के निर्देश पर ही विधायको एवं नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा दलबल के साथ मूर्ति का अनावरण किया गया. लेकिन नेता प्रतिपक्ष सामने नहीं आए हालांकि नेता प्रतिपक्ष को इस विरोध में सामने आना था, जो पर्दे के पीछे रहे। 7 दिसंबर को नेता प्रतिपक्ष जांजगीर होते हुए भागवत कथा में शिवरीनारायण पहुंचे हुए थे जहां रेस्ट हाउस में थोड़ी देर के लिए अपने विधायकों से मिले फिर बाद में भागवत कथा में शामिल हुए. और यही से पूरे घटना के लिए रणनीति बनाया गया।

जिसके चलते शहर में कई प्रकार की चर्चा भी रही,विपक्ष में रहते सत्ता पक्ष का विरोध करने का तरीका भी डॉ महंत अलग ही है, वे नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाते हुए फ्रंट में आकर विरोध नहीं करते, पर्दे के पीछे सारा पटकथा लिखकर अपने विधायकों को ही इस घटना में झोंक दिए. जबकि नेता प्रतिपक्ष का काम सरकार के खिलाफ सामने आकर विरोध करना होता है,

सूत्र बता रहे है कि इस घटना के पीछे नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत का ही हाथ रहा है. जो पूरे घटनाक्रम में सूत्रधार थे. इन्हीं के निर्देश पर मूर्ति का अनावरण हुआ है. सूत्रों का यह कहना है कि बिना बड़े नेता के निर्देश कोई कदम नहीं उठा सकता था.मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात थी,लेकिन किसी ने उन्हें नहीं रोका। अब इसमें कितनी सच्चाई है यह नहीं कहा जा सकता है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि पूरे घटनाक्रम में डॉ. चरण दास महंत का ही हाथ था।