Big Breaking: आखिर वही हुआ जिसका डर था…जिला कार्यालय को सजाने के लिए खर्च किए लाखो रुपए से स्कूल भवन का हो जाता मरम्मत…आज स्कूल के छत का प्लास्टर गिरने से 6 बच्चे हुए घायल…!

जांजगीर चांपा। जिला मुख्यालय के पास ग्राम पुटपुरा के मिडिल स्कूल में पढ़ाई कर रहे छठवीं क्लास के बच्चे के ऊपर स्कूल भवन का प्लास्टर गिरने से घायल हो गए. बच्चों के सिर एवं पैर में चोट आई है. घटना के बाद बच्चों को आनन फानन में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां उनका इलाज जारी है. घटना के बाद बच्चों के अभिभावक स्कूल प्रबंधन और जिला प्रशासन से नाराज है. स्कूल प्रबंधन का कहना है कि जिला प्रशासन को डिस्मेंटल होने की सूचना दी गई थी. बावजूद स्कूल को मरम्मत नहीं कराया जा रहा था. स्कूल भवन की हालत जर्जर थी जिसमें बच्चे पढ़ने को मजबूर है।

फटाफट न्यूज़ ने अपने खबर के माध्यम से पहले से प्रशासन को आगाह कर दिया था कि जिले के दर्जनों स्कूलों की हालत जर्जर है. जिसमें बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। जिला प्रशासन जिस तरह लाखों,करोड़ों खर्च करके जिला कार्यालय को सजाया जा रहा है. अगर उसी लाखो रुपए को इस जर्जर स्कूल भवन में खर्च किये जाते तो जर्जर स्कूल की हालत सुधर सकती थी.लेकिन ऐसा नहीं हुआ, आखिरकार स्कूल भवन का छत का प्लास्टर गिरने से 6 बच्चे घायल हो गए। बच्चों के सिर में कई टांके लगे है.बच्चे डरे सहमें हुए हैं. अब इसकी जिम्मेदारी किसकी है ? स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूल भवन को डिस्मेंटल होने की सूचना जिला प्रशासन को दी थी, बाउजूद जिला प्रशासन आंख बंद सो रहा था. जिसके चलते यह घटना हुई है. अब बच्चों के अभिभावक जिला प्रशासन और स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं।

जिले में दर्जनों स्कूल जर्जर हैं जिसमें बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं. जिला प्रशासन अभी भी इस ओर अगर ध्यान नहीं देता तो आने वाले समय में फिर से यही घटना घट सकती है। इसके पहले भी जिला शिक्षा कार्यालय के छत गिरने से वहां की कर्मचारी घायल हो चुके हैं। बाऊजुद अभी भी वहां कर्मचारी काम कर रहे हैं. वहीं हाल जिले के दर्जनों स्कूल का है जहां बच्चे स्कूल में पढ़ने को मजबूर है। क्लास में पानी टपक रहा है तो कहीं स्कूल में करंट आ रहा है। स्कूल परिसर में घुटने भर पानी भरा है जिसमें चलकर बच्चे स्कूल जाने को मजबूर है। न ही इस ओर स्कूल प्रबंधन का ध्यान है न हीं जिला प्रशासन का ध्यान है।

जिले में करोड़ों DMF के फंड से आते हैं जिनको शिक्षा,स्वास्थ्य और अति आवश्यक कार्यों में ही खर्च करने की जरूरत होती है लेकिन इन सब के बावजूद जिला प्रशासन का ध्यान इस तरह के जर्जर स्कूलो पर नहीं है। जिस चीज की जरूरत नहीं थी जिला कार्यालय में उसको लाखों खर्च करके सजाया जा रहा है। जिसके चलते लगातार इस तरह की घटना घटित हो रही है। अभी बच्चे सिर्फ घायल हुए है,अगर पूरा छत गिर जाता तो बड़ी घटना हो सकता था। छत के गिरने से बच्चे की मौत भी हो सकती थी। लेकिन बड़ी घटना टल गई. अब इस ओर गंभीरता से जिला प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकता है।