Pithoragarh, Uttarakhand: नाबालिग विवाह को रोकने के लिए जिला प्रशासन अब सख्त कदम उठाने जा रहा है, अब जिले में कहीं नाबालिग विवाह का मामला आता है तो उस इलाके की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और बाल विकास परियोजना अधिकारी पर भी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही बाराती, पंडित और बैंड बाजे वाले लोगों को जेल जाना होगा। दरअसल पिथौरागढ़ जनपद में बाल विवाह के लगातार मामले सामने आए है, जिन्हें देखते हुए प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है।
बाल विवाह रोकने के लिए आंगनबाड़ी कर्मियों को अपने क्षेत्र में विशेष निगरानी रखनी है। अगर बाल विवाह का मामला सामने आता है तो उन्हें अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है। कहीं भी ऐसे प्रकरण की सूचना तत्काल एसडीएम और थाने में देनी होगी, ताकि समय रहते बाल विवाह को रोका जा सके। जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान के एक आदेश के बाद यह नियम लागू हो गया है। डीएम ने बताया कि बाल विवाह की प्रथा पर पूरी तरह रोक लगाने के मकसद से यह फैसला लिया गया है।
पिथौरागढ़ जिला प्रशासन की ओर से बाल विकास विभाग को यह निर्देश जारी हुए हैं, जिसमें बाल विकास परियोजना अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि बाल विवाह का मामला सामने आने पर तत्काल सूचना एसडीएम थानाध्यक्ष को दी जाए, ताकि उक्त विवाह को रोका जा सके।
दरअसल पिथौरागढ़ के तोली गांव में पिछले महीने ही बाल विवाह का मामला सामने आया था जिसे प्रशासन की टीम द्वारा रुकवा लिया गया था। एक महीने पहले भी एक नाबालिग की दो बार शादी कराने का मामला भी काफी चर्चा में रहा था। वहीं, जिले के बाल विकास अधिकारी संजय गौरव ने इस तरह के प्रकरण पर पूरी तरह से रोक लगाने की बात कही है।