जांजगीर-चांपा। फटाफट न्यूज में खबर प्रकाशित होने के बाद जिला पंचायत सीईओ गजेन्द्र ठाकुर ने अब उप संचालक के नेतृत्व में बने तीन सदस्य टीम को सिवनी पंचायत के पूर्व सरपंच अरूण द्वारा किये भ्रष्टाचार की जांच से हटा दिया हैं। अब सिवनी पंचायत मे हुए भ्रष्टाचार का जांच स्वंय जिला पंचायत सीईओ करेगें। उपसंचालक जिला पंचायत अभिमन्यु साहू के नेतृत्व में बनी टीम पर हर कोई सवाल खड़ा कर रहा था। वही गांव के पूर्व पंच भी जांच टीम पर लीपापोती का आरोप लगा रहे थे। जिसके चलते जिला पंचायत सीईओ गजेंद्र ठाकुर ने तत्काल जांच टीम हटाना पड़ा । फटाफट न्यूज ने 17 नवबंर को खबर प्रकाशित किया था की “उपसंचालक जिला पंचायत अभिमन्यु साहु के नेतृत्व मे जांच करने गया टीम जांच किए बगैर, गांव में श्याम कार्तिक का दर्शन कर वापस लौटे, जांच में लीपापोती का लगा आरोप” खबर के बाद जिला पंचायत सीईओ गजेन्द्र ठाकुर ने जांच टीम को हटा कर नया जांच टीम बनाया हैं। जिसमें स्वंय के नेतृत्व में तीन सदस्य की टीम गठन किया हैं। अब स्वंय सिवनी ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच अरूण राठौर द्वारा किये भ्रष्टाचार का जांच करेेगें।
क्या था पूरा मामला..
जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ ब्लाक के ग्राम पंचायत सिवनी में लाखों का भ्रष्टाचार का मामला सामने आया हैं। लेकिन अशिकारियों को इनकी खबर तब लगी जब खबर मीडिया ने सामने लाया। मीडिया रिपोर्ट के आधार पर अधिकारी जांच करने ग्राम पंचायत नैला सिवनी पहुंचे थें। लेकिन अधिकारी जांच की औपचारिता पूरी करते हुए भ्रष्टाचार के आरोप मे घीरे सरंपच के कहने पर श्याम कार्तिक का दर्शन कर वापस लौट आये थे। जिसकी खबर मिडिया ने उजागर किया हैं। मीडिया में खबर आने के बाद जिला पंचायत सीईओ ने तीन सदस्यों की टीम बनाई हैं। टीम का नेतृत्व उप संचालक जिला पंचायत अभिमन्यु साहू कर रहे थे। अधिकारियों की नींद खुली तब जांच करने ग्राम पंचायत सिवनी पहुचें। लेकिन पंचायत में दस मिनिट बैठ, बिना जांच किए पूर्व सरपंच अरूण राठौर के कहने पर बोड़सरा मे हो रहे श्याम कार्तिक का दर्शन कर वापस लौट आये। इस मामले में किसी प्रकार की जांच नही हो पाई हैं।
वही ग्राम पंचायत के लोग व पूर्वपंचो का कहना हैं ग्राम पंचायतों करोड़ो का भ्रष्टाचार शौचालय निर्माण, पचरी निर्माण, पीएम आवास मे हुआ हैं। लेकिन अभी तक पूर्व सरंपच के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नही हो पाई हैं। वही पूरे मामले की जानकारी अधिकारियों को भी हैं कि ग्राम पंचायत में करोड़ो का हेराफेरी हुआ हैं। लेकिन आज तक अधिकारी इस मामले में जांच नही कर पाये हैं।