अम्बिकापुर… छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजातियों के 12% आरक्षण कम होने पर आदिवासियों में आक्रोश देखने को मिल रहा है.. जिसको लेकर भाजपा के पूर्व गृह मंत्री रामसेवक पैकरा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आदिवासियों के हितों के बारे में नहीं सोचा.. जिसकी वजह से उच्च न्यायालय के द्वारा 19 सितंबर को मिलने वाले 32% आरक्षण में से 12% आरक्षण घटा दिया गया है. उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार चाहती तो अच्छे वकील रखकर बेहतर तरीके से इसकी सुनवाई की जा सकती थी.. लेकिन सरकार आदिवासी हितेषी नहीं होने की वजह से ऐसी स्थिति निर्मित हुई है..
वही भाजपा इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी कर रही है..जिससे कि आदिवासियों को मिलने वाले 32% आरक्षण का लाभ अधिक से अधिक लोगो को मिल सके..लिहाजा छत्तीसगढ़ में जहाँ प्रदेश में कांग्रेस के 27 विधायक अनुसूचित जाति से आते है तो वही 2 विधायक भाजपा से आते है.. ऐसे में विधानसभा चुनाव नजदीक है तो सबसे बड़ा सवाल है कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए आरक्षण सबसे बड़ा मुद्दा रहेगा..