नई दिल्ली. बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को रविवार को भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया. दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें यह पुरस्कार दिया. अमिताभ के अवॉर्ड लेते ही सारा ऑडिटोरियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. अमिताभ ने सम्मान पाने के बाद समर्थन के लिए सभी का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने दादासाहेब फाल्के मिलने पर कहा कि जब मुझे ये सम्मान मिला तो मुझे लगा कि क्या मेरा करियर खत्म हो चुका है. मगर अमिताभ ने बड़े शालीन भाव से ये भी कहा कि अभी उन्हें लगता है कि शायद कुछ काम और फिल्म इंडस्ट्री में करना बाकी है.
अमिताभ बच्चन पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. उन्होंने इस बात की जानकारी दी थी कि वह अवॉर्ड सेरेमनी में शामिल नहीं हो पाएंगे. अमिताभ ने कहा था कि खराब सेहत के चलते वह यात्रा नहीं कर सकते और दुर्भाग्यपूर्ण वह सम्मान लेने के लिए वहां उपस्थित नहीं होंगे.
इसमें कोई दोराय नहीं है कि बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े कलाकार हैं. अमिताभ बच्चन बॉलीवुड में 5 दशक से सक्रिय हैं. इस दौरान उन्होंने निरंतर काम किया है और अपने अभिनय से दर्शकों का मनोरंजन किया है. फिल्म जगत में दिए गए अपने योगदान के लिए अमिताभ बच्चन को दादासाहेब फाल्के सम्मान से नवाजा गया.
अमिताभ बच्चन के करियर की बात करें तो उन्होंने साल 1969 में सात हिंदुस्तानी फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी. करियर की शुरुआत में उन्हें कुछ असफलताओं का सामना करना पड़ा था. मगर साल 1973 में जंजीर फिल्म उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. फिल्म से उनकी इमेज इंडस्ट्री में एंग्री यंग मैन के रूप में स्थापित हुई. इसके बाद से एक्टर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
इस खास मौके पर बीग-बी ने कहा कि मैं भारत सरकार और सूचना प्रसारण मंत्रालय और जूरी के सदस्यों को अपनी तरफ से आभार प्रकट करना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे इस योग्य समझा. ईश्वर की कृपा रही है. माता-पिता का आशीर्वाद रहा है. सबसे ज्यादा भारत की जनता का स्नेह रहा है जिससे मैं आपके सामने खड़ा हूं. जब इस पुरस्कार की घोषणा हुई तो मेरे मन में ये सवाल उठा कि क्या ये मेरे लिए संकेत है कि बस अब हो गया. मुझे अभी और काम करना है.