Bilaspur News: सीपत सर्किल अंतर्गत ठरकपुर परिसर में करंट बिछाकर आठ जंगली सूअरों के शिकार का मामला सामने आया है। शिकार के आरोपित प्लाट में बने एक मकान में सूअरों को काट रहे थे। इसी बीच वन विभाग की टीम ने दबिश दी और छह आरोपितों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। 170 किलो मांस व मृत पांच सुअर के अलावा के अलावा चार टंगिया, सात चापड़, सात हंसिया, 100 मीटर जीआइ तार, कनेक्शन तार व खूंटी भी बरामद किया है।
घटना बुधवार की है। ठरकपुर परिसर से लगा हुआ नागेश्वर पटेल का प्लाट है। यहां इतवार सिंह नाम का ग्रामीण काम करता है। इस क्षेत्र में जंगली सूअर है। धान की फसल को नुकसान भी पहुंचाते हैं। नागेश्वर के प्लाट में सूअर लगातार घूस रहे थे। जिसे देखते हुए इतवार सिंह ने करंट बिछा दिया। उसके द्वारा बिछाए गए करंट में एक साथ आठ सूअर चपेट में आ गए। इसमें कुछ छोटे सूअर भी हैं। करंट की चपेट में आते ही सभी सूअरों की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद मृत सूअरों को इतवार सिंह के अलावा नारायण सिंह, बाबू लाल पटेल, गैतराम धनवार, लक्ष्मण धनवार व प्लाट का मालिक नागेश्वर पटेल प्लाट के अंदर बने मकान में ले गए।
इसके बाद रात में ही सूअरों को काटकर मांस को इकट्टा करने लगे। इसके बाद आपस में बांटते। पर सुबह इस घटना की सूचना वन विभाग को मिल गई और आनन- फानन में टीम बनाकर घटना स्थल दबिश दी गई। उस समय तक आरोपित तीन सूअर को काटकर मांस इकठ्ठा कर चुके थे। इसके अलावा पांच की लाश मौके पर ही पड़ी थी। इधर गिरफ्तारी की कार्रवाई होने के बाद तत्काल डीएफओ कुमार निशांत, सुनील कुमार बच्चन मौके पर पहुंचे। हालांकि इससे पहले वन परिक्षेत्र अधिकारी पल्लव नायक की अगवाई में टीम कार्रवाई की। इस दौरान उड़नदस्ता दल का भी सहयोग लिया गया। आरोपितों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।
वन अमले की कार्यशैली पर प्रश्न
इस घटना के बाद यह तो तय हो गया है कि विभाग का मैदानी अमला मैदान से गायब रहता है। यदि सतर्क रहते तो शायद करंट बिछाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाते। हालांकि विभाग इस बात को लेकर पल्ला झाड़ रहा है कि यह करंट निजी भूमि (प्लाट ) में था। निजी भूमि की निगरानी नहीं की जा सकती। जबकि वन परिक्षेत्र अंतर्गत आने पर सुरक्षा व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी विभाग की है।
दो आरोपित फरार, जारी है तलाश
वन विभाग की टीम ने केवल छह आरोपितों को ही गिरफ्तार किया है। जबकि इस मामले में आठ आरोपित थे। वन अमले के पहुंचने से पहले दोनों फरार हो गए। उन्हें या तो भनक लग गई होगी या फिर कार्रवाई से बच गए। पर विभाग को नाम व पता मिल गया है। टीम दोनों की तलाश की रही है।