अमितेष पाण्डेय
अम्बिकापुर- जिले के विकास मे एक बहुत बडा नाम है प्रहलाद राय अग्रवाल एण्ड कंपनी , जो बारबरिक प्रोजक्ट के नाम से भी करोडो अरबो का काम करती है। जिले के विकास मे मील का पत्थर साबित हो रहे ,,इस बडे समूह के कारनामे किसी से छुपे नही है। फिर भी राजनैतिक और प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त इस कंपनी के अवैध काम ढडल्ले से जारी है,, पर ना जाने इन पर कारवाही करने का अधिकार रखने वाला खनिज विभाग और पर्यावरण विभाग मौन क्यो है ?
पी.डब्लू.डी , एलडब्लूई ,और निगम समेत कई विभागो के माध्यम से अब तक अरबो रुपए का सडक निर्माण कर,, अंधे विकास मे शामिल पीआरए एण्ड कंपनी ने अब तक पर्यावरण को जितनी क्षति पंहुचाई है,, वो किसी को पता हो चाहे नही पर पर्यावरण विभाग को सब पता है। दरअसल इस कंपनी ने दरिमा के रास्ते मैनपाठ जाने वाले उस खस्ताहाल सडक का निर्माण कराने का जिम्मा लिया,, जिसका निर्माण करवाना प्रशासन और दूसरे ठेकेदारो के लिए चुनौती था,, लेकिन प्रशासनिक मजबूरी को अपना ढाल बनाते हुए, इस कंपनी ने क्रेसर लगाने के लिए ना ही पर्यावरणीय स्वीकृति ली और ना ही खनिज विभाग के मापदण्डो को पूरा किया,, लिहाजा बिना रायल्टी के खनिज और घटिया सामग्री के साथ सडक का निर्माण का कार्य पूरा हो गया। जिसके लिए इस कंपनी को राजनेताओ और प्रशासन के वजनदार अधिकारियो को भरपूर सहयोग भी मिला ,,
पीआरए द्वारा बनाए गई मैनपाठ सडक के लिए लगाए गए दो-दो अवैध क्रेसर से पर्यटको को चलने के लिए सडक भी मिल गई,, और सरकार को चूना लागकर कंपनी ने मोटी कमाई भी कर ली,, लेकिन अवैध क्रेसर लगाने के लिए जिन सैडको बेजुबान पेड पौधो को अपनी बलि देने पडी ,, आखिर उनकी गलती क्या थी.. ?
इस कंपनी के अलगे कारनामे की बात करे तो कंपनी ने वर्तमान ने लखनपुर विकासखण्ड के ग्राम मोहनपुर मे भरी बस्ती के बीच जिला का अब तक का सबसे बडा क्रेसर स्थापित कर दिया,, पिछले साल भर से वो संचालित भी है , लेकिन जिला प्रशासन को ना ही इससे मतलब है और ना ही पर्यावरण विभाग को इसकी सुध है,, बहरहाल गांव की भोली भाली जनता क्रेसर की धव्नि और उससे निकलने वाले हानिकारक धूल और धुंआ से पलायन को मजबूर है,, मामला इस अवैध क्रेसर तक ही सीमित नही है,, ब्लकि इसी क्रेसर के बगल मे कंपनी का हाट मिक्स प्लांट भी स्थापित है,, जिसका जानलेवा धुंआ भी गांव की आबो हवा मे जहर घोल रहा है। कंपनी की दंबगई का आलम ये है कि वह वन भूमि और उसके जंगलो का दोहन कर क्रेसर के आपूर्ती के लिए ढडल्ले से पत्थरो की खुदाई कर रहा है।
मोहनपुर की आंगनबाडी का उजडा आंगन…..
बारबरिक प्रोजक्ट के नाम से काम करने वाली पीआरए एण्ड कंपनी की पंहुच इतनी ऊपर तक है,, कि वो किसी की भी जड उखाड सकती है ,, और शायद यही वजह है कि मोहनपुर गांव मे अवैध रुप से क्रेसर और हांट मिक्स प्लांट संचालित करने वाली इस कंपनी ने प्लांट के बगल स्थित आंगनबाँडी केन्द्र की बुनियाद तक हिला दी है,, जंहा कभी मोहनपुर के आगंनबांडी मे 90 से 100 मासूमो के शिक्षा ,स्वास्थ और पोषण आहार की व्यवस्था शासन द्वारा की जाती थी,, वंहा आज प्लांट के हानिकारक अपव्यय के अलावा कुछ नही बचा है,, परिजनो ने अपने मासूमो की बेहतरी कि लिहाज से उनको यंहा भेजना बंद कर दिया है,, तो आगंनबाँडी केन्द्र का आंगन विरान हो गया है। एक तरफ जंहा इस कंपनी के नापाक ईंरादो ने गांव मे दहशतगर्दी फैलाई है,, वही इनके अवैध कारोबार का गर्दा बुजुर्ग से लेकर बच्चो को मानषिक विकलांग बना रहा है।
आदिवासी परिवार के दो मासूमो का कातिल कौन ?
इस कंपनी ने डब्लूएमएम मिक्सिंग के लिए गांव से लगी रेड नदी की छाति से बालू का इतना अवैध उत्खन्न किया है कि बिते दिनो उन गढ्डो मे डूबने से दो मासूमो की मौत भी हो चुकी है ,, जानकारी तो यंहा तक है कि मामले को दबाने के लिए पुलिस और गांव के एक दंबग दलाल को कुछ चढावा चढा दिया गया था। लिहाजा जिस मामले मे कंपनी के संचालक पर गैरईरादतन हत्या मामला दर्ज करना था ,,उस मामले मे पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को रफा दफा कर दिया । जानकार सूत्रो ने यंहा तक बताया कि मासूमो के मौत को खिलवाड बनाने वाली इस कंपनी ने,, मृतक बालिकाओ के परिवार के आंशू पोंछने की बजाय उनको कौडियो के भाव तौलेने का भी प्रयास किया था।
मंदिर पंहुच मार्ग निर्माण मे भी बेईमानी
हाल ही मे जिले के सबसे बडे सिद्दपीठ महामाया मंदिर के पंहुच मार्ग बनवाने का ठेका भी इसी कंपनी ने लिया था। लेकिन इस मार्ग के निर्माण मे जिन मापदण्डो के तहत कार्य करना था,, उसे ताक मे रख कर घटिया निर्माण सामग्री की बदौलत कंपनी ने सडक का निर्माण करवा दिया। दरअसल इस सडक निर्माण के लिए जिस डब्लूएमएम से जमीनी काम किया जाना था,, उसे प्लांट मे मिक्स किया जाना था,, लेकिन कंपनी ने निगम अधिकारियो की जानकारी मे इसे रसूलपुर स्थित अपने प्लांट मे जेसीबी और पाकलेन से मिक्स कर सडक के नीचे बिछा दिया,, अब आप ही बताए जिस कंपनी ने भगवान के मंदिर तक पंहुचने के मार्ग मे बेईमानी की हो,, वो भला इंसान के लिए रास्ता बनाने मे कितनी ईमानदारी बरतता होगा।