जांजगीर चाम्पा। …का करी साहब हमन तो विधायक अकलतरा के बनाया रहें न लेकिन ह मन ला अब विधायक करा मिलना रथे ता खर्चा करके जांजगीर चाम्पा विधानसभा जाय ला पड़ते,,,विधायक साहब के आफिस अउ घर ह जांजगीर म हे,,,,, का करि अब वोट ला दे रहें न त तकलीफ ला उठाय ला पड़ी,,,, जी हां यह कहना है अकलतरा विधानसभा के लोगो का,,, जो अपना कीमती वोट तो अकलतरा विधानसभा विधायक के लिए किए रहे पर उन्हें क्या मालूम कि विधायक साहब अपना जनदर्शन कार्यालय जांजगीर चाम्पा में रखेंगे। अकलतरा विधानसभा के सभी दूर दूर गांव के आम लोगो की पीड़ा यही है कि उन्हें अपने समस्या ओ को लेकर अपने विधानसभा के विधायक से मिलने खर्च जांजगीर जाना पड़ता है। जिससे समय व पैसे दोनों की बर्बादी होती है। अकलतरा विधानसभा के लोगो का कहना है कि हमारे विधायक अपने विधानसभा छोड़ कर दूर अन्य विधानसभा में निवास करते तो हमारी समस्याओं को कैसे दूर कर पाएंगे। हमको बताने के लिए जांजगीर जाना पड़ता है,,, इस प्रकार आज पांच साल होने जा रहा है हमें बार बार जाना पड़ता है। अगर हमारे विधायक साहब अकलतरा में अपना जनदर्शन कार्यालय बनाते हो हमे सुविधा मिलती। इस तरह अकलतरा विधानसभा की जनता के लिए यह समस्या आम हो गई है। विधायक साहब से मिलने भी जांजगीर पहुच भी गए तो मिलने की संभावना बहुत कम ही रहती है। वे किसी अन्य काम से निकल जाए रहते है या आम लोगो की समस्या का हल निकालने में नाकाम साबित होते है। वे आम जनता से एक ही राग अलापते रहते है कि रमन सरकार अभी हमारी नही सुनते,,,,मायूस होकर आम लोगो को वापस फिर आना होता है। यह कोई नई बात नही है इस प्रकार का वाकया कई बार अकलतरा विधायक निवास में देखने व सुनने को मिला है। आम जनता तो दूर लोक तंत्र के चौथे स्तभ कहे जाने वाले मीडिया के लोगो को भी विधायक साहब समय नही दे पाते या समय देकर घंटो इंतजार कराते है यह आम बात हो गईं है कि अकलतरा विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र से आये लोगो से भी ढंग से बात नही करते। विधायक के इस रैवये से जनता बहुत दुखी है।
विधायक से मिलने जाना पड़ता है 25 से 40 किमी दूर,,,,,,,,,
अकलतरा विधानसभा से चुने कांग्रेस पार्टी के विधायक चुन्नी लाल साहू का गृह ग्राम भले ही अकलतरा विधानसभा में आता हो पर विधायक साहब अपने निवार्चन क्षेत्र को छोड़ कर जांजगीर विधानसभा में निवासरत है। जिससे अकलतरा विधानसभा के लोगो मिलने जांजगीर 25 से 40 किमी की दूरी तय करना पड़ता है। जससे उनकी समय और पैसे की बर्बादी होती है। और समय पर वे पहुच भी नही पाते। जबतक वे जांजगीर पहुचे है तबतक जनदर्शन का समय समाप्त हो जाता है फिर उन्हें मायूस हो कर वापस आना पड़ता है।