राजधानी दिल्ली पर आंतकी संगठन की पैनी नजर है, जिसके लिए हमारे देश की सुरक्षा टीम का मजबूत पहरा इस क्षेत्र के चारों ओर नजर रखे हुए है। लेकिन हाल ही में राष्ट्रपति भवन की दीवार को फांदते हुए एक संदिग्ध को देखा गया। जिससे वहां पर तैनात सुरक्षा एजेंसियों के बीच हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही राष्ट्रपति भवन के चारों ओर पुख्ता इंतजाम किए गए और वहां के चारों ओर का सर्च ऑपरेशन चलाया गया। सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाकर्मी जैसे ही वहां के जंगल के पास बनी एक गुमनाम मजार के पास पहुंचे तो वहां का नजारा हैरान करने वाला था। लोग समझ ही नहीं पा रहे थे कि इस वीरान जंगल के पास बनी मजार की जानकारी किसी को भी कैसे नहीं थी, अभी वो बात को वो पूरी तरह से समझ पाते है कि उस मजार के पास एक रहस्मयी गुफा दिखाई दी। जिसके अंदर पहुंचते ही सभी लोग हैरान रह गए।
इस रहस्यमयी गुफा के अंदर 68 वर्षीय व्यक्ति अपने 22वर्षीय बेटे मोहम्मद नूर के साथ रह रहा था। 68 वर्षीय व्यक्ति गाजी नुरुल हसन ने बताया है कि वह इस गुफा के अंदर करीब 40 साल से रह रहा हैं। चाणक्यपुरी थाना पुलिस शक के अधार पर दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।
बताया जाता है कि शाम जब पुलिस की पैट्रोलिंग वैन राष्ट्रपति भवन के पास से गुजर रही था तभी एक पुलिसकर्मी को जंगल की दीवार फांदते एक व्यक्ति दिखा। जिसे देख पुलिसकर्मी को उस युवक पर शक हुआ और तुंरत सुरक्षा अधिकारियों को इस बात की सूचना दी गई। जिसमें बताया गया कि दो संदिग्ध व्यक्ति दीवार फांद कर राष्ट्रपति भवन के जंगल में घुसे हुए है, जो आतंकी भी हो सकते हैं। राष्ट्रपति भवन से जुड़ा मामला होने के कारण पुलिस तुंरत सकते में आ गई और चारों ओर से पुलिस से छानबीन करनी शुरू कर दी और इसी छानबीन के दौरान पुलिस ने इस गुफा को खोज निकाला। जहां पर इस गुफानुमा कमरे से ये दो संदिग्ध इंसान गाजी नुरुल हसन (68) और मोहम्मद नूर (22) मिले। सूत्रों के अनुसार वो इस जगह पर 40 वर्षों से अपने बेटे के साथ रह रहा है। इनके पास से पुलिस को मतदाता कार्ड और पासपोर्ट कार्ड के साथ ही बिजली कनेक्शन मिला है। 68 वर्षीय नुरुल ने ये भी बताया कि वो इस जगह पर जड़ी-बूटी की तलाश में आया था और उसे रहने के लिये मजार मिल गई। उसने इस बात का भी दावा किया कि इससे पहले वो पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के लिए धार्मिक उपदेश देने का काम करता था।