जांजगीर चांपा। जांजगीर चांपा जिले मे भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णकांत चन्द्रा के नेतृत्व मे संगठन पहले से कमजोर हुआ है। जिलाध्यक्ष की उपस्थिति जिले में शुन्य के बराबर हैं। संगठन में किसी कार्यक्रम के बहाने जिलाध्यक्ष के दर्शन तो हो जाते है, लेकिन विपक्ष की भूमिका में रूप में कृष्णकंात चन्द्रा की गतिविधियां जिले में शुन्य है। सत्ता पक्ष विपक्ष पर हावी नजर आता है। ऐसा लगता है जैसे भाजपा विपक्ष में रहते हुए राज्य सरकार के नकामियों को गिनाने मे कमजोर पड़ गया हैं। जांजगीर चांपा जिले में भाजपा जिलाध्यक्ष बनने के बाद संगठन मे भी कोई खास बदलाव दिखने को नही मिला हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष अपने कार्यकर्ताओ मे जोश भरने मे भी नकाम नजर आते है। जिलाध्यक्ष सिर्फ भाजपा कार्यालय तक ही सीमट कर रह गये है। जिले में किसानों के हजारों समस्या होने के बाउजुद विपक्ष इन मुददों को भुनाने मे गंभीर नजर नही आता. राज्य सरकार के नकामीयो के दर्जनो मुददे हैं लेकिन सड़को पर किसी प्रकार की विरोध नही देखने को मिलता। भाजपा के प्रदेश संगठन के निर्देश के अनुसार होने वाले विरोध प्रदर्शन के अलावा जिले मे भी कई गंभीर समस्या है , लेकिन इन समस्याओं पर विपक्ष का ध्यान नही जाता। जिले में आम जन, किसानों की कई समस्या है जिस पर विरोध जताने का मौका है , लेकिन भाजपा के जिलाध्यक्ष द्वारा इन पर भी ध्यान नही दिया जाता। जिले में सात वर्षो से अधूरे आरओबी निर्माण मे हो रही देरी को लेकर आमजन परेशान है, तो वही जिले के किसान धान खरीदी मे हो रहे अव्यवस्था से परेशान हैं। जिले के भ्रष्ट्र अधिकारीयों से आमजन त्रस्त हैं, तो वही ग्रामीणो का काम जिला कार्यालय मे बिना पैसे के नही होता इस प्रकार दर्जनो मुददे जिले मे व्याप्त है। जिसका विरोध करने की आवश्यकता विपक्ष को है लेकिन ऐसा दिखाई नही देता।
बसपा निभा रही विपक्ष की भूमिका…
प्रदेश में विपक्ष विधायको की संख्या भले ज्यादा है लेकिन प्रदेश के अलावा जांजगीर चांपा जिले की बात करे तो भाजपा से बेहतर विपक्ष की भूमिका मे बसपा के विधायक नजर आते हैं। चाहे किसानो की समस्या हो या आम लोगो की , इन सभी मुददो पर बसपा पार्टी के जैजैपुर विधायक एंव पामगढ़ विधायक खुल कर विरोध करते हैं। जिले मे धान खरीदी केन्द्र खुलने को लेकन जैजैपुर विधायक केशव चन्द्रा ने तो रोड़ मे आकर विरोध प्रकट किया था. और अंत मे किसानो के लिए धान खरीदी केन्द्र खुलवा कर ही माने,, जिले के विभिन्न पंचायतो में 14 वित्त की राशि मे भ्रष्ट्राचार के मुददे मे भी बसपा विधायकों ने मुख्यमंत्री से मिल कर शिकायत किया था जिसका परिणाम भी सामने आया . आज जांच के लिए राज्य स्त़रीय टीम का भी गठन हो गया हैं । इस प्रकार अगर जिले की बात करे तो आम जनता हो या किसान इनकी समस्यों के लिए लड़ने के लिए भाजपा से बेहतर बसपा के विधायक है जो संख्या मे भले ही देा है लेकिन 15 विधायको के बराबर हैं।