जांजगीर-चापा. कहते हैं कि बच्चे को ठोकर भी अगर लगती है तो पहली चीख मां की निकलती है। ये जिले के बोरसी में उस वक्त देखने को मिला, जब एक मां की नवजात बच्ची को कुत्ता मुंह में दबाकर भागा। बच्ची की मां बेसाख़्ता चीखती हुई उसके पीछे भाग रही थी। अचानक कुत्ते के मुंह से छूटी बच्ची एक कुएं में जा गिरी। वो बदहवास मां बिना देरी किए हुए कुएं में छलांग लगा दी, और अपनी बच्ची को अपने सीने से चिपकाए। कुएं की दीवार पर उभरे एक पत्थर को पकड़ कर चीखती रही। शोर सुनकर पहुंचे ग्रामीणों ने इस मां और उसकी बेटी को निकाल कर अस्पताल पहुंचाया। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि इस देश में लोग मां को इसी त्याग के लिए पूजते हैं? जो अपनी औलाद के लिए अपनी भी जान की परवाह नहीं करती।
*क्या है पूरा मामला*
मामला बिर्रा के बोरसी गांव का बताया जा रहा है। यहां रहने वाले टिकेश चंद्रा(34) सब्जी की खेती करता है। उसकी पत्नी हेमलता चंद्रा ने महीने भर पहले ही एक बेटी को जन्म दिया। घटना शुक्रवार की बताई जा रही है। जब टिकेश चंद्रा सब्जी तोड़ने खेतों में गया था, हेमलता ने सो रही नौनिहाल को बिस्तर पर सुला दिया। खुद पानी लाने चली गई। वो पानी लेकर जैसे ही लौटी देखा एक आवारा कुत्ता उसकी बच्ची को मुंह में दबाए तेजी से भागा। ये देखकर पानी की गुंडी उसके हाथ से छूट गई। वो बदहवास चीखती हुई कुत्ते के पीछे भागी। इसी दौरान बच्ची कुत्ते के जबड़े से छिटककर पास के कुएं में गिर गई।
दौड़ रही हेमलता ने ये देखते ही कुएं में छलांग लगा दी और पानी में डूब रही मासूस को हाथों में पकड़ सीने से चिपका लिया। फिर एक हाथ से कुएं के पत्थरों को पकड़ लिया। उसकी चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी पहुंच गए। उन्होंने मां-बेटी को बाहर निकाला और जांजगीर के एक अस्पताल में भर्ती कराया। जहां मां और बेटी दोनों सुरक्षित बताई जा रही हैं। पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है। तो वहीं लोग इस मां के इस जज्बे को सलाम कर रहे हैं।