ग्वालियर. सेंट्रल जेल में पॉक्सो एक्ट में बंद एक आरोपी की लाश पेड़ पर लटकी मिली है. जेल प्रशासन का कहना है कैदी ने फांसी लगाकर खुदकुशी की है, लेकिन परिवार वालों ने जेल प्रशासन पर साजि़श का आरोप लगाया है. इस बीच जेल प्रशासन ने मामले में लापरवाही बरते वाले तीन जेल प्रहरियों को निलंबित कर दिया है. कैदी पॉक्सो एक्ट में बंदी था. उस पर एक नाबालिग लड़की को भगाने का आरोप था. पूरे मामले की मजिस्ट्रियल जांच शुरू हो गई है.
ग्वालियर केंद्रीय जेल में बीती शाम तकरीबन पांच बजे जब बैरकों में लौट रहे कैदियों की गिनती हुई तो एक कैदी कम पाया गया. रजिस्टर से मिलान हुआ तो 20 साल का कैदी नरोत्तम रावत गायब मिला. वो अपने बैरक में नहीं पहुंचा था, लिहाजा प्रहरियों ने तलाश किया तो जेल अस्पताल के पीछे एक पेड़ पर नरोत्तम की लाश लटकी मिली. जेलर ने जेल अधीक्षक मनोज साहू को खबर दी. सूचना मिलते ही जेल अधीक्षक ने डीजी, कलेक्टर औऱ ग्वालियर एसपी को मामले की जानकारी दी. जेल अधीक्षक का कहना है 23 जनवरी को कोर्ट के आदेश पर बंदी नरोत्तम को ग्वालियर केंद्रीय जेल लाया गया गया था. बीती शाम साढ़े सात बजे नरोत्तम की लाश परिसर स्थित पेड़ पर लटकी मिली.
जेल अधीक्षक के मुताबिक नरोत्तम ग्वालियर जिले के इटमा गांव के रहने वाला था. जेल परिसर में फांसी लगाने की घटना गंभीर लापरवाही है. लिहाजा इस मामले में लापरवाही बरतने वाले एक मुख्य प्रहरी ओम प्रकाश सुमन, प्रहरी प्रेम नारायण गोयल और मनोज त्यागी को निलंबित कर दिया गया है. इन तीनों के खिलाफ विभागीय जांच भी की जाएगी.