संजय यादव
जांजगीर चांपा। जांजगीर चांपा विधानसभा के लिए भाजपा दमदार उम्मीदवार की तलाश करते अब अंतिम नतीजे की ओर बढ़ रही है। भाजपा को तलाश मे ऐसा विकल्प नही मिला रहा जो विधानसभा में जीत दर्ज करा सके। इस लिए शहर मे चर्चा है कि पार्टी पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष नाराण चंदेल पर फिर से दांव लगा सकती हैं । जांजगीर चांपा विधानसभा में देखा जा रहा है कि नारायण चंदेल के बाद भाजपा के पास विकल्प भी नही हैं। टिकिट के लिए दर्जनो नेताओं ने दावेदारी कर रहे है पर मतदाताओं में ऐसी छबि नही बना पाये जिसे पार्टी स्वीकार करें। अब देखना होगा कि नारायण चंदेल पर पार्टी फिर से दांव लगाती है या नये चेहरे पर विश्वास करती है। जांजगीर चांपा विधानसभा मे देखा जा रहा है कि भाजपा के पास दमदार नेताओ की कमी है जिसके उपर पार्टी विश्वास करें और जो अपने बल बुते पर पार्टी को जीत दिला सके। भाजपा पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष नारायण चंदेल को उम्मीदवार बनाती है तो निश्चत ही उनकी पार्टी के प्रति निष्ठा व मेहनत को नतीजा होगा। पार्टी के लिए दिन रात मेहनत कर जांजगीर चांपा में विगत 5 वर्षो से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। वही पार्टी का विश्वास भी जीता है। चाहे वो जांजगीर चांपा विधानसभा की बात हो या अन्य जिले की, पार्टी के सभी गतिविधियों में बराबर शामिल होकर अपने दमदार नेता वाली छवि, पार्टी के प्रति प्रस्तुत की है। यही परिणाम होगा जो पार्टी एक बार फिर से मौका दे। जिले में देखा जाये तो नारायण चंदेल के अलावा भारतीय जनता पार्टी में ऐसा नेता नही बन पाये जो अपने दमदारी या अनुभव से पार्टी का विश्वास जीत सकें। सभी में अनुभव की कमी या दमदारी की कमी नजर आती है। भाजपा मे स्वच्छ छवि के दमदार प्रवक्ता के रूप मे अपनी पहचान बनाने ,प्रदेश स्तर में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। नारायण चंदेल के अलावा दर्जनो दावेदार विधानसभा में हैं पर पार्टी उन पर विश्वास क्यो नही कर रही यह भी एक सवाल है. 65 प्लस लाने के लिए एक-एक विधानसभा में सोच समझ कर उम्मीदवार तय किया जा रहा हैं। कही कोई रिक्स पार्टी लेना नही चाह रही हैं। अब देखना होगा कि पार्टी अपने इस रणनीति में कितना सफल हो पाती है।