जांजगीर चांपा। जांजगीर चांपा विधानसभा में टिकिट के बटवारे के बाद खुल कर गुटबाजी सामने आई है। इसका एक उदाहरण तो ब्यास कश्यप ही है जो उपाध्यक्ष के पद को त्याग कर हाथी की सवारी कर ली है । वही दुसरी ओर 31 अक्टुबर को नामांकन जमा करने के समय जो नजारा देखा उससे यही अंदाजा लगा सकते हैं कि विधानसभा चुनाव मे जहां भाजपा 65 प्लस के टारगेट लेकर चल रही है वही जिले मे आपसी गुटबाजी खुलकर सामने आ रही हैं। हांलाकि आज नामाकंन जमा करना मुहूर्त के हिसाब से था। सब अपने अपने समय के हिसाब से नामांकन जमा किये। लेकिन कलेक्टोरेट परिषर मे जो दिखाई दिया उससे यही लगता है कि गुटबाजी जांजगीर चांपा विधानसभा में भाजपा के लिए मुशीबत खड़ा कर सकता है। जब नारायण चंदेल अपना नामांकन दाखिल करने पहुचे तो उनके साथ चार प्रस्तावक के साथ दिखे। लेकिन जब सक्ती विधानसभा के प्रत्याशी मेघाराम साहु नामांकन करने पहुचे तो साथ जांजगीर चांपा के सांसद कमलादेवी पाटले, जिला महामंत्री अमर सुल्तानिया देखे. वही इस नजारा को देख लोगो मे चर्चा रहा कि जांजगीर चांपा विधानसभा के प्रत्याशी को छोड़ सांसद एंव महामंत्री सक्ती विधानसभा प्रत्याशी के साथ मे है। लेकिन इस बारे मे सांसद कमला पाटले से पुछा गया तब उनका कहना था मेघाराम जी भाजपा के जिलाध्यक्ष है कल सब एक साथ नामंाकन दाखिल करेगें, यहां किसी प्रकार की गुटबाजी नही हैं। चैथी बार फिर से प्रदेश मे भाजपा की सरकार आ रही हैं।