जगदलपुर..प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य बस्तर में छत्तीसगढ़ शासन के अधीन संचालित होने वाले 22 मन्दिरो में देवी देवताओं को लगने वाली भोग सामग्री का बिल पास नही होने से ..देवी देवताओं को भोग लगाने में संकट उतपन्न हो गया है..और इस मसले पर अब पुजारियों ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है..
दरअसल राज्य सरकार के टेम्पल स्टेट कमेटी में आने वाले 22 मन्दिरो के देवी देवताओं को भोग लगाने सहकारी संस्थाओं के माध्यम से भोग लगाने की सामग्री(प्रसाद) उपलब्ध कराई जाती थी..मगर फंड के अभाव में अब देवी देवताओं को पारम्परिक भोग नही लग पा रहे है..जिसे मन्दिरो के पुजारी शुभ संकेत नही मान रहे है..
जानकारी के मुताबिक दिसम्बर 2018 से मई 2019 तक भगवान के लिए जो भोग खरीदे गए थे..उसका 1 लाख 98 हजार 200 रुपये का भुगतान लम्बित है..जिसके चलते अब सहकारी समितियों ने सामग्री देने से इनकार कर दिया है..वही टेम्पल कमेटी के सदस्य तहसीलदार सुंदरलाल धृतलहरे के मुताबिक बकाया राशि का भुगतान जल्द ही कर दिया जाएगा..ऐसी कोई बात नही है..
बता दे कि पुरातन परम्पराओ से सुसज्जित बस्तर के 22 मंदिरों को टेम्पल स्टेट कमेटी में शामिल है..जहाँ हर रोज मान्यताओं के आधार पर देवी देवताओं को भोग लगाया जाता है..और भोग की सामग्री का भुगतान टेम्पल स्टेट कमेटी के द्वारा किया जाता है..
परम्पराओ के मुताबिक भगवान को प्रसाद भोग जरूरी होता है..और भगवान भोग लगाने के पीछे समूचे संसार का लाभ छिपा होता है..ऐसे में इन मंदिरों के पुजारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हस्तक्षेप कर भगवान के भोग के सामग्रियों को निर्बाध रूप से उपलब्ध कराने की गुहार लगाई है..