रेप के आरोपी सैयद फरीद खान की भीड़ द्वारा बर्बर हत्या के दो दिन बाद मामले में नया मोड़ आ गया है। आशंका जताई जा रही है कि सेंट्रल जेल में भीड़ को घुसने देने में पुलिस का भी हाथ था। इस मामले में न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जिसे रिटायर्ड सेशन जज हेड करेंगे।
एनडीटीवी ने एक आला अधिकारी ने हवाले से बताया है कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि पुलिस ने भीड़ की जेल में दाखिल होने में मदद की थी। अधिकारी ने यह भी बताया, ‘भीड़ को यह कैसे पता चला कि तमाम कैदियों के बीच सैयद खान कौन था?’
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इस मामले में गृह मंत्रालय ने नागालैंड सरकार से जुडिशल जांच बैठाने को कहा था। खान के परिवार ने भी आरोप लगाया कि मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है।
इसके पहले शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने नागालैंड के मुख्यमंत्री से बात की और राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने की बात कही। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को भी कहा।
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इस दौरान, असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने भी गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर अपनी चिंता जाहिर की है। दीमापुर में ही स्क्रैप का काम करने वाले खान पर 23 फरवरी को एक नागा युवती से रेप का आरोप लगा था।
बता दें कि गुरुवार को दीमापुर में करीब 10 हजार लोगों की भीड़ ने सेंट्रल जेल में घुसकर सैयद खान को अपने कब्जे में ले लिया था। भीड़ करीब आठ किलोमीटर तक उसे घसीटते और मारते-पीटते शहर के बीचोबीच स्थित घंटाघर तक ले गई, जहां उसकी हत्या कर शव को लटका दिया गया था।