जांजगीर चाम्पा। जिले के कलेक्टर साहब को आखिर क्यों tidy चेंबर छोड़कर रोड पर आना पड़ा .यह चर्चा आज शहर में गरमाया हुआ है. कि अपने चेंबर से निकलकर धूल धक्कड़ वाली रोड पर कलेक्टर साहब क्यो पैदल चल रहे हैं . शाम होते ही शहर की जनता होटलों एवं पान ठेला पर चाय की चुस्की के साथ यही चर्चा आज दिन भर कर रहे है .लोग तरह-तरह के कमेंट पास कर रहे हैं कोई कलेक्टर के इस कार्य का सराहना कर कह रहा है ,तो कोई दिखावे की बात कह कर हंसी ठिठोली कर रहा है.. कोई कह रहा है की अखबार में फोटो छपवाने के लिए अधिकारी इस तरह का काम करते रहते हैं … खैर शहर की जनता है , किसी का मुंह बंद तो नहीं कर सकते .क्योंकि ये वही लोग है जो कई महीने ,सालों से धूल धक्कड़ वाले रोड में चल- चल कर रोजाना कई ग्राम धूल खाते है, पर शहर की जनता को इसकी आदत सी हो गई है .लेकिन वही वर्षों बाद जब कलेक्टर साहब को अपने ही जैसे पैदल धूल धक्कड़ वाली रोड पर चलते देख कर एक मिनट के लिए अचंभित रह गए । लेकिन सारा मामला बाद में समझ में आया कि आखिर साहब अपने एसी गाड़ी को छोड़ पैदल क्यो चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि कलेक्टर साहब शहर की सौंदर्यकरण करने सर्वे के लिए निकले हैं वही चौक चौराहा एवं पुराने भवनों का रखरखाव एवं निर्माण को लेकर दिशा निर्देश दे रहे हैं । बताया जा रहा है कि शहर की दशा एवं दिशा अब सुधरने वाली है। बताया तो यह भी जा रहा है कि साहब को काम कराने एवं करने पर ज्यादा विश्वास है वही काम को अंजाम तक कैसे पहुंचाया जाए यह भी साहब को बखूबी आता है. इसीलिए साहब काम के पहले काम के बारे में गुणगांन करना एवं सुनना पसंद नहीं करते। काम होने के बाद बोलना पसंद करते हैं ऐसा साहब का कहना है। अब देखना होगा की साहब रोड पर निकल गए हैं तो रिजल्ट भी अच्छा ही आएगा ,क्योंकि साहब जिस रोड पर निकल जाते हैं पीछे मुड़ कर नही देखते..यह भी साहब का कहना है। अब शहर के लोगो का आस जगी है तो कलेक्टर साहब जरूर पूरा करेंगे।
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