जांजगीर चांपा। जिला कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष राघवेन्द्र सिंह को अपने पारिवारिक पृष्टभूमि का लाभ मिला है। उनके पिता राकेश सिंह अकलतरा विधानसभा के पूर्व विधायक एवं काग्रंेस पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे हैं। जिला कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राघवेन्द्र सिंह को गुटीय राजनीति को छोड़ पार्टी में अपना दमखम दिखाना होगा। हालांकि राघवेन्द्र सिंह में नेतृत्व क्षमता की कमी रही हैं। वरिष्ठ नेताओं के पीछ लग्गू नेता का छाप उन पर लगा हुआ हैं। आने वाले समय पर अपने नेतृत्व क्षमता के दम पर जिले मे कांग्रेस पार्टी में चल रहे गुटबाजी को दूर करना होगा। राघवेन्द्र सिंह को कम समय में पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी हैं . जिसमें उनको खरा उतरना होगा। राघवेन्द्र बाबा टीएस सिंह देव खेमे के माने जाते हैं . हालांकि वे डां चरण दास मंहत के भी करीबी बताये जाते हैं। जांजगीर चांपा जिले के तासीर को समझते हुए उन्हे पार्टी के हर एक कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलना होगा। आने वाले समय जिलाध्यक्ष के लिए बहुत चुनौती हैं. उस चुनौती का सामना करते हुए आगे बढ़ना होगा। हालांकि जांजगीर चापा जिले में गुटबाजी हावी हैं। वरिष्ठ नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं में आपसी सामजस्य बनाना होगा।
जिला कार्यकारणी का गठन करना बड़ी चुनौती…
राघवेन्द्र सिंह को जिला कांग्रेस कमेटी में चल रहे खींचतान को दूर करने के लिए पूराने जिला कार्यकारणी को हटा कर नये सिरे से कार्यकारणी का गठन करना बहुत बड़ा चुनौती का काम होगा। क्योकि कार्यकार्ताओं मे नये पूराने होेने के बाद नये कार्यकार्ताओं में काम करने का जोश आयेगा। वही आपसी तालमेल बना कर सभी कार्यकर्ताओं के रजामंदी से कार्य भी करना होगा। पूराने जिलाध्यक्ष द्वारा अपने कार्यकाल में पूर्ण रूप से कार्यकारिणाी का गठन नही कर पाना बहुत बड़ा कमजोरी माना जा रहा हैं।