जांजगीर चांपा। जांजगीर चांपा जिले में वर्तमान परिदिश्य में देखा जाये तो कांग्रेस पार्टी का जनाधार बीजेपी से जायदा मजबूत है। लेकिन पार्टी की छबि कोई बाहरी व्यक्ति खराब नही करता बल्कि पार्टी के पदाधिकारी जो वर्षो से अपने आप को कांग्रेस पार्टी का सक्रिय कार्यकर्ता मानते है वे पार्टी के गुटबाजी पैदा करते है। चुनाव आते ही अपना रंग गिरगिट की तरह बदल लेते है। यहां तक चुनाव के नजदीक आते ही दावेदारो से टिकट दिलाने के नाम अपने पद को औहदा दिखाकर सौदे बाजी तक करते कई बार दिखा गया है। इन फुलछाप कांग्रेसीयो के रैवये के कारण जो पार्टी के लिए दिनरात एक कर सच्ची निष्ठा से काम करने वाले कार्यकर्ताओ की पुछपरख नही होती। 15 वर्षो बाद प्रदेश मे सत्ता मे आई कांग्रेस पार्टी जिले में जनता प्रति विश्वास जीतने में कमजोर साबित हुई है। नगर निकाय चुनाव हो या पंचायत चुनाव ऐसे मौको पर इन फुलछाप कांग्रेसी अपने पद को उपयोग कर दावेदारो से मोटी कमाई करने मे कोई कसर नही छोड़ते, दावेदारो को टिकट दिलाने के नाम पर सौदेबाजी करते है। जिसके कारण जिले कांग्रेस पार्टी की हमेशा थूू -थू होती है। इन फुलछाप कांग्रेसी ज्यादातर जिला मुख्यालय मे सक्रिय रहते है। अपने आप को पार्टी का पदाधिकारी बता कर बड़े नेताओ से संपर्क कर अपने आप पार्टी का बड़ा नेता मानते हैं।
मंच में कुर्सी के लिए होती लड़ाई…
जांजगीर चांपा जिले के कांग्रेसीयो को कई ऐसे मौको पर लड़ते देखा गया है कि मंच पर कुर्सी नही पाने कारण अपने ही पार्टी के पदाधिकारीयो के खिलाफ बोलते है। जाजवल्य महोत्सव मे तो जिला कांग्रेस कमेटी के प्रावक्ता को मंच मे नही बुलाने पर ही पार्टी के वरिष्ठ नेता चरण दास मंहत के खिलाफ अनाप सनाप बोलना शुरू कर दिया था । बाद मे कुछ कांग्रेसीयो द्वारा समझाइस के बाद बात बनी थी। ऐसे मौके जिले मे कई बार देखने को मिले है जिले मे मुख्य मंत्री का कार्यक्रम हो या किसी अन्य मंत्रीयो का सभी मौको पर कांग्रेसी मंच पर कुर्सी को लेकर हमेशा झगड़ते देखा गया है।
जिले में कोई बड़ा कार्यक्रम पर होती है चंदे की उगाही….
इन फुलछाप कांग्रेसी यहां तक अपने पद का औहदा दिखाकर जिले मे पार्टी का नाम से कोई बड़ा कार्यक्रम के लिए व्यवस्था बनाने शासकीय अधिकारीयो के पास जाकर चंदे की उगाही भी करते कई बार देखा गया हैं। ऐसे कई उदाहरण है जो इन फुलछाप कांग्रेसीयो के कारण पार्टी की छवि खराब होती है। कई बार दिखा गया है कि चंदे के कारण पार्टी के पदाधिकारीयो के बीच मे ही घमासान शुरू हो जाता है। इन फुलछाप कांग्रेसीयो से महज 8 महीनो मे अब अधिकारी भी बार-बार चंदे की उगाई से परेशान हो गये है।
अधिकारीयो और कर्मचारीयो के स्थानांतरण मे हुई जम कर कमाई…
इस बार फुलछाप कांग्रेसीयो ने सत्ता का धौंस देखाकर इन दिनो अपने चहिते अधिकारीयो व कर्मचारीयो का स्थानांतरण करा कर खुब कमाई की। अपने पसंद के अधिकारीयो व कर्मचारीयो को अपने मनपंसद जगह दिलाने में अच्छी खासी कमाई किये।