कोरबा से विपिन कुमार की स्पेशल रिपोर्ट…
हम आपको एक ऐसा अस्पताल की कहानी जा रहे है जो है तो ३० बिस्तर का अस्पताल तो है,, मगर यहाँ इलाज के लिए एक भी बिस्तर नहीं है, डाक्टर तो है मगर इलाज के लिए संसाधन नहीं है ,, और तो और लैब टेक्नीशियन तो है मगर लैब नहीं है,,,,, सुनकर हैरानी तो होगी,, लेकिन इस अस्पताल का ये हाल आज से नहीं है बल्कि इसे शुरू हुए एक साल से ज्यादा का समय बीत गया मगर इसकी हालत पहले दिन जैसी ही बनी हुई है,,,,कंहा और कैसा है ये अनोखा अस्पताल आइये आप खुद ही जानिए !
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सुनील कुमार लैब टेक्नीशियन
यहाँ लैब नहीं है, लेबर रूम में मिलाकर तीन बिस्तर है, बस सामान्य इलाज होता है !
तनुजा यादव नर्स
३० बैंडेड है मगर २ है वो भी खराब् है, इलाज करते है मगर प्राथमिक इलाज, कोई सुविधा नहीं है !
दरअसल दीपका एस ई सी एल क्षेत्र है और यहाँ लम्बे समय से एक अस्पताल की मांग की जा रही थी ,, जिस कारण आनन् फानन में इसे शुरू कर दिया गया ,,, जिसके लिए नगर पालिका के भवन को किराए पर लिया गया है और इस पर अस्प्ताल के सुविधा के नाम पर कोई ध्यान नहीं दिया गया । ऐसे में यहाँ के निवासी आज भी इलाज को तरस रहे है यहाँ रहने वालो को इलाज के लिए कोरबा और कटघोरा जाना पड़ता है जिससे यहाँ के लोग काफी नाराज है, इधर स्वाथ विभाग तमाम अवयवस्थाओ के बाद भी बेहतर इलाज का दावा कर रहा है साथ ही जल्द अस्प्ताल का भवन मुहैया कराने का दावा भी कर रहा है !
अरुणेश तिवारी ( स्थानिय निवासी दीपका )
अस्पताल तो शुरू हुए सालो हो गए मगर इसका लाभ नहीं मिला, इलाज के अभाव में लोग मर रहे है !
पी आर कुम्भकार (सीएमएचओ कोरबा)
डिटेल : इलाज हो रहा है, बेड लगे है, जल्द ही भवन बनेगा !
स्थानिय लोगो की सुविधा के लिए यंहा तैनात कर्मचारियो और अधिकारी भले ही कोई भी दलील दे मगर स्वास्थ केंद्र के इस हाल को देखकर ये समझा जा सकता है कि यहाँ इलाज डाक्टरो के भरोसे नहीं बल्कि भगवान् भरोसे होता है !