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जंाजगीर चांपा। जांजगीर चांपा जिले के शिक्षा विभाग कार्यालय का कमरा नंबर 7 में बहुत सारे रहस्य छुपा हुआ। आम लोग की बात करे या जिले के शिक्षको की तो इस कमरे के बारे कोई भी बात करने से कतराते है। आखिर क्या रहस्य है कमरा नंबर 7 में..अपनी रहस्य के कारण इस विभाग के लोगो में हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है। शिक्षा विभाग के इस कमरा नंबर 7 लोग कुछ ज्यादा जरूरी काम हो तभी जाना पंसद करते है. नही तो यहां जाने से अच्छे – अच्छे उच्च शिक्षक भी नही जाना चाहते। वही यहां के बारे में कोई खुल कर नही बोल पाता, न ही इसके बारे चर्चा करता.. तो हम बताते है. शिक्षा विभाग के कमरा नंबर 7 का रहस्य..जरा ध्यान से पढ़ियेगा.. क्यो होती है बार-बार इस कमरा 7 की चर्चा .. शिक्षा विभाग के स्थापना शाखा, एकाउंट शाखा, शिक्षा का अधिकार सारे महत्वपूर्ण काम इसी कमरा नंबर 7 से होता है। इस शाखा में शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी से भी ज्यादा दमदार अधिकारी इसी कमरा नंबर 7 में बैठता है. बताते है सबसे पावर फूल पद पर बैठा अधिकारी को भी यह कुछ नही समझता… और लोग यहां तक कहते है कि इनकी नियुक्ति भी किसी रहस्य से कम नही है। जिले के अलग-अलग स्कूल से आने वाले शिक्षक व बाबु भी इस कमरे के बारे जानते है पर वे अन्य जगह चर्चा करने मे डरते है। अन्य ब्लाको से आये शिक्षक बताते है कि जिला शिक्षा अधिकारी से भी ज्यादा पाॅवर रखने वाले यहां के एकांउट शाखा प्रभारी है जिनका नियुक्ति मे भी रहस्य छुपा हुआ हैं। यह तो हुआ एकाउंट विभाग के बडे़ बाबु का रहस्य . साथ यहां संविदा मे भर्ती और भी कर्मचारी है जो पूरे जिले के शिक्षा विभाग के अलग -अलग कार्यो में काम होने नही होने की बात ख्ुाद तय करते हैं। यहां तक यहां के संविदा कर्मचारी कौन सा शिक्षक राज्यपाल एवार्ड, राष्ट्रपति एवार्ड के अलावा जिले मे नये स्कूल की मान्यता देने के अलावा, परीक्षा केन्द्र खोलने, व बंद करने, की पूरी लेखा जोखा इन्हे के पास रहता हैं। इनके हां या न से ही जिले में शिक्षा विभाग में आगे काम बड़ता है। लोग जब भी इस कमरे में आते है तो भरे जेब तो आते है लेकिन खाली जेब वापस जाते है। यहां बिना चढावा के कुछ काम नही होता। आपको को बता दे इस सब की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को है पर वे भी कुछ नही कर पाते। यहां तक नाम नही बताने के शर्त पर यहां के एक कर्मचारी बताते है कि पूर्व मे कुछ महिनो के लिए उस बड़े बाबु एकाउंटेट साहब का शिकायत के बाद स्थानांतरण अन्य जगह हो गया था. लेकिन मजाल है जब तक वो वापस फिर अपने पूराने जगह नही आये तब तक उसके बैठे स्थान मे लगे टेबल, कुर्सी मे कोई बैठ जाये… इस बड़े बाबु की इतनी दहसत था कि जब तक वे नही ते तब तक कोई उस कुर्सी मे बैठना जरूरी समझा…
आग लगने का रहस्य का नही हो पाया है खुलासा…
शिक्षा विभाग के इस कमरा नंबर साथ में आज से 6 से 7 पूर्व में आग लग गया था जिसके कारण यहां रखे कम्प्यूटर, अलमारी,महत्वपूर्ण कागजात जल कर खाक हो गये थे। आपको को बता दे की यहां आग कैसे लगी या किसी ने जानबुझ कर आग लगाया है भी आज तक रहस्य बना हुआ हैं.. रहस्य का कारण आपको बता दे रहे है आज से 6 से 7 वर्ष जब कमरा नं. 7 मे आग लगी उस समय वह पाॅवर फुल एकाउंटेंट साहब इसी कमरे मे बैठते थे। तब से लेकर आज तक यहां लोग आने से कतराते हैं. जो खुल कर किसी यहां के गतिविधियो के बारे मे चर्चा नही करते ।