जांजगीर चांपा। राज्य शासन द्वारा प्रदेश के शासकीय माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के शाला प्रबंधन एवं विकास समितियों में मनोनीत सदस्यों का मनोनयन तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। पूर्व में प्रभारी मंत्रियों द्वारा इन विद्यालयों के शाला प्रबंधन एवं विकास समिति में जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिकों को अध्यक्ष तथा सदस्य मनोनीत किया गया था। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मनोनीत अध्यक्ष और सदस्यों का मनोनयन निरस्त किए जाने के आदेश कल मंत्रालय से जारी कर दिए गए हैं। आदेश के अनुसार संस्था प्रमुख आगामी आदेश पर्यन्त विद्यालय के प्रबंधन एवं विकास संबंधी गतिविधियों का संपादन स्वयं करेंगे। इस मामले में पूर्व समिति अध्यक्षों को कहना है कि इस आदेश के बाद शासकीय स्कूलो में पढाई के स्तर गिरावट आयेगी। इसमे शासकीय माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के शाला प्रबंधन एवं विकास समितियों में मनोनीत सदस्यों का मनोनयन निरस्त करने से जो शासकीय टीचर है वे स्वतंत्र हो जाएगें, और अपनी मनमौजी कर शिक्षण कार्य को संचालित करेंगें । जब इस बंदिश मे बच्चों को नहीं पढाते थे तो क्या अब दबाव खत्म होने के बाद पढाएगें़़। अब जब वो खुद अध्यक्ष होंगे तो ऐसे मे वो आए दिन स्कूल से किसी न किसी बहाने स्कूल से अनुपस्थित रहेगे।
हमारे पास अभी आदेश की कांपी नही आया है। आने के बाद मै बता पाउंगा।
डी के कौशिक , जिला शिक्षा अधिकारी,जांजगीर चांपा।