
@संजय यादव | 5 जुलाई 2025
रिश्तेदारों के खातों में अवैध वसूली…
जांजगीर कोतवाली में पदस्थ तीन पुलिस कर्मीयो का नाम इन दिनों पूरे जिले में चर्चित हैं. इनका कारनामा हर किसी के जुबान में है. ये अच्छे कार्यों के लिए चर्चित नहीं है, बल्कि अपने गलत कारनामों के कारण ज्यादा चर्चा में है. यहां तक चर्चा यह है कि एक आरक्षक अपना और अपने आका का लेन देन अपने रिश्तेदार के फोन पे,गूगल पे के माध्यम से भी करता है.इन महाशय की हिम्मत को मानना पड़ेगा.जो खुले आम फोन के माध्यम से लेनदेन करने का जो हिमायत भी कर लेता है.आखिर इनको इतना हिम्मत आता कहा से है? सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अवैध कारोबार की वसूली इसी माध्यम से करता है. अगर इनके और रिश्तेदार,भाईयो के फोन पे का ट्रांजेक्शन की जांच हो जाए तो महीनों मे लाखों का लेनदेन का खुलासा हो सकता हैं. यहां भी अवैध कारोबार के लिए म्यूल खाते का उपयोग तो नहीं किया जा रहा है,यह जांच का विषय हो सकता है।
बीईओ, डीईओ को अभयदान…
शिक्षकों का युक्त युक्तिकरण को लेकर जांजगीर चांपा जिला एक बार फिर बदनाम हो गया है. बीईओ,डीईओ के कारनामों को शिक्षक भुगत रहे है. शिक्षकों का युक्त युक्तिकरण को लेकर जो लिस्ट बनाया गया है उसमें भारी विसंगति देखने को मिला है.सभी शिक्षक बीईओ एवं डीईओ को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. हाल ही में हुए शिक्षकों का युक्त युक्तिकरण को लेकर जिस प्रकार चर्चा में बीईओ ,डीईओ आए हैं, वह पूरे छत्तीसगढ़ में चर्चा का विषय बना हुआ है. प्रदेश के बाकी जिलों को छोड़ दिया जाए तो जांजगीर चांपा जिला का शिक्षा विभाग ही सबसे ज्यादा भ्रष्ट नजर आता है. विभाग में अधिकारियों का कोई लगाम नहीं है. डीईओ अपने मनमानी पर उतर आए हैं. अब जिस तरह शिक्षकों का युक्त युक्तिकरण के लिए काउंसलिंग एवं लिस्टिंग हुआ उसमें कई प्रकार की अनियमितता एवं विसंगति की बातें भी सामने आई है.लेकिन अभी तक बी ई ओ और डीईओ के खिलाफ किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं हो पाई है. जबकि जिले के शिक्षकों का युक्त युक्तिकरण के लिए लिस्ट जारी करने में जो गड़बड़ी हुई है उसके पीछे ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी का ही हाथ है,लेकिन जिला प्रशासन की ओर से अभी एक बीईओ और डीईओ को अभयदान मिला हुआ है।
ट्रांसफर रुकवाने मंत्री के शरण में…
इन दिनों पूरे प्रदेश में अधिकारियों का स्थानांतरण की प्रक्रिया जारी है, इसी के तहत सिंचाई विभाग के कार्यपालन अभियंता का भी स्थानांतरण अन्य जिला हो गया है. अब इसको रुकवाने के लिए साहब राजधानी से लेकर विभाग के मंत्री के पीछे पीछे दिल्ली तक पहुंच गए. अपने स्थानांतरण को रुकवाने के लिए हर कीमत देने को तैयार है. बताया जा रहा है कि इसके पीछे उनके चले जाने के बाद उनके द्वारा लाए करोड़ों के निर्माण कार्यों का मिलने वाला कमीशन का मामला है.अपने पहुंच और चापलूसी के चलते विभाग में करोड़ों का काम सेंशन करा कर लाए है.उनके चले जाने के बाद कमीशन नहीं मिल पाएगा.जिसके चलते वे किसी भी कीमत पर अपना स्थानांतरण रुकवाने की जुगत में लगे हैं. पहले भी अपने काम एवं प्रमोशन के लिए चर्चा में थे. अपने प्रमोशन के लिए भी भारी कीमत चुकानी पड़ी थी.तब जाकर डिवीजन में ईई की कुर्सी नसीब हुआ था.
काम दिलवाने के नाम अधिकारी ने किया वसूली…
जिला पंचायत में कई वर्षों से जमे एक अधिकारी यहां तक गिर गया है कि जिला पंचायत में लिपाई पुताई के लिए लाखो का काम दिलवाने के लिए एक पंचायत प्रतिनिधि से लाखों सौदा कर डाला. जब तक पंचायत प्रतिनिधि उस अधिकारी को लाखो रुपए कमीशन का नहीं दिया तब तक उसके कार्य आदेश को रोककर रखा रहा.अब जब लेनदेन का चर्चा का खुलासा बाहर होने लगा तो अधिकारी मुंह छिपाने लगा है. लेकिन अधिकारी आदत से ढीट है.जिला पंचायत में कई छोटे कर्मचारी इनके दूरव्यवहार से काम छोड़ चुके है, या अपना स्थानांतरण अन्य जगह करा लिए है.अपने अधिकारी होने का रौब जो झाड़ते हैं।
अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का अधूरा चैंबर….
पंचायती राज में सबसे बड़ा पद जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का होता है. जो पूरे पंचायत में सरकार की योजनाओं एवं कार्यों को करता है.लेकिन जांजगीर चांपा जिला पंचायत में जबसे पंचायत चुनाव संपन्न हुआ तब से लेकर अभी तक अभी तक अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चैंबर तैयार नहीं हो पाया, जिसके चलते वे कार्यालय में बैठ नहीं पा रहे. अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष से मुलाकात करने के लिए पंचायत के प्रतिनिधि एवं आम जनता नहीं मिल पा रहे हैं. न ही अपनी समस्याओं को बता पा रहे हैं. लगातार हो रहे इस विलंब के कारण जनता नाखुश नजर आ रहे हैं .अभी तक जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चैंबर का काम अधूरा ही पड़ा हुआ है. अब इसके पीछे की वजह क्या है यह जानकारी नहीं है, लेकिन अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के कार्यालय में समय नहीं देने से आम जनता इधर उधर भटक रहे है।
विधायको के खिलाफ FIR के पीछे किसकी साजिश…
जिले में इन दोनों कांग्रेसी विधायकों की दिन दशा ठीक नहीं चल रहा है.पिछले दिनों जिले के दो-दो विधानसभा के कांग्रेसी विधायक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है. जैजैपुर विधायक बालेश्वर साहू के खिलाफ एफआईआर होने के बाद गिरफ्तारी तक हो गई.हालांकि जमानती धारा होने की वजह से उनको चाय पानी पिला कर मुजलका में छोड़ना पड़ा.वहीं दूसरी ओर जांजगीर चांपा विधायक व्यास कश्यप के खिलाफ जन मुद्दों की लड़ाई लड़ना भारी पड़ गया .उनके खिलाफ भी FIR हो गया. अब दोनों विधायकों के खिलाफ इतनी जल्दबाजी में FIR करना किसी की साजिश हो सकती है ऐसा कहना है दोनों विधायकों का…अब इनके पीछे किसकी साजिश हो सकती है ये दोनों ही बता पाएंगे, जानकारी के अनुसार इससे पीछे सत्ताधारी बीजेपी नेता नहीं बल्कि इनके ही पार्टी के एक बड़े नेता का नाम सामने आ रहा है.जो हमेशा सत्ता रहे या न रहे पर एड़ा बनकर पेड़ा जरूर खाता है।
स्थानांतरण के बावजूद कोतवाली का मोह…
जांजगीर कोतवाली प्रभारी का सरगुजा स्थानांतरण हो जाने के बाद भी कोतवाली का मोह नहीं छूट रहा है.हफ्ते भर हो गए स्थानांतरण लिस्ट जारी हुई लेकिन अभी तक सरगुजा में पदभार ग्रहण नहीं किए है. न ही यहां से रिलीफ हो रहे है.अब इसके पीछे की वजह क्या हो सकती है यह किसी से छिपी नहीं है.लंबे समय समय से जांजगीर कोतवाली चर्चा का विषय बना है . चाहे वह अच्छे कामो लेकर हो या बुरे कामों को लेकर ,लेकिन कोतवाली हमेशा चर्चा में रहता है. हालांकि कोतवाली प्रभारी से सत्ताधारी नेता, आम जनता सभी नाखुश रहे है, उनके कार्यप्रणाली को लेकर कई बार विवाद की स्थिति भी बनी . लेकिन उनके व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया।