
संजय यादव
जांजगीर चांपा। सरकार ने छत्तीसगढ़ स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत गरीब लोगों के लिए मोहल्ला क्लिनिक के तर्ज पर पूरे प्रदेश में हर एक ब्लाक में MMU यानि मोबाइल मेडिकल यूनिट बस की सुविधा दी हैं। इस मेडिकल यूनिट बस में 42 प्रकार की बीमारियों का टेस्ट एवं कई प्रकार की दवाइयां लोगों के लिए उपलब्ध रहती है। सरकार द्वारा इस यूनिट में एक एमबीबीएस डॉक्टर एक फार्मेसी स्टाफ नर्स के अलावा कई प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों को दी जा रही है।
जिससे जनता को मोहल्ले में ही मेडिकल की सुविधा मिल जा रही है, लेकिन इन दिनों जिला मुख्यालय के मोबाइल मेडिकल यूनिट बस का बुरा हाल है. इस मेडिकल यूनिट बस से दर्जनों बीमारियों की दवाइयां उपलब्ध नहीं है. यहां का बीपी,शुगर टेस्ट किट महीनो से बिगड़े पड़े हैं। कुछ दवाइयां जरूर उपलब्ध हैं. लेकिन बहुत सी दवाईयां नहीं है। इस यूनिट के डॉक्टर एवं स्टाफ द्वारा बताया जा रहा है. कि कई बार इसकी मांग मेडिकल यूनिट ने सचिव नगर पालिका सीएमओ एवं अध्यक्ष जिले के कलेक्टर को भी लिखित में अवगत कराया गया लेकिन मांग के हिसाब से उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
आपको बता दें कि मोबाइल मेडिकल यूनिट बस की दवाई की सप्लाई धनवंतरी को सौंपी गई है। लिखित में मांग पत्र भेजने के बावजूद जरूरत के हिसाब से यहां दवाइयां उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं. इससे लोगों को गंभीर बीमारियां का इलाज एवं सही समय पर दवाइयां नहीं मिल पा रही है। इससे चलते कई बार इस मेडिकल यूनिट के स्टाफ एवं लोगों के बीच विवाद की स्थिति बन रहा हैं।
जांजगीर के वार्ड नंबर 1 में कुछ दिनों पहले मेडिकल यूनिट बस पहुंची हुई थी तभी वहां के लोग चेकअप कराने पहुंचे लेकिन दवाई उपलब्ध नहीं होने के कारण वहां के स्टाफ उन्हें दवाई नहीं दे पाए, इसके चलते खूब हंगामा हुआ यहां तक स्टाफ को पुलिस बुलानी पड़ी तब जाकर मामला शांत हुआ ।
मेडिकल यूनिट के स्टाफ को इस प्रकार की समस्याओं का सामना रोजाना करना पड़ रहा है.लोग यह समझ नहीं पाते की यूनिट में अगर दवाइयां नहीं उपलब्ध हो रही है तो इसमें यूनिट स्टॉप की क्या गलती है.उनके द्वारा लगातार उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा हैं, बावजूद समय में दवाइयां नहीं मिल पा रही है जिसके चलते यह स्थिति बनती है। यह कोई एक दो रोज की बात नहीं है लगातार वर्षों से इस प्रकार की समस्या आ रही। जिस धनवंतरि को द्वारा मेडिसिन की सप्लाई का काम दिया है वह सही ढंग से समय पर दवाई उपलब्ध नहीं करा पा रहे है। जिसके कारण लोगों की बीमारियां की जांच एवं दवाइयां नहीं मिल पा रही और विवाद का भी कारण बन रहा हैं। जब इस मामले में अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत कराया गया तब उनका कहना था कि कलेक्टर जो इस यूनिट के अध्यक्ष होते हैं उनको अवगत कराया गया हैं, दवाइयां जल्दी उपलब्ध हो जाएगी।



