
जांजगीर चांपा। सुरेश प्रसाद साहू, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान जांजगीर में व्याख्याता के पद पर कार्यरत है जिसका आरोप है कि जांजगीर संस्थान के प्रभारी प्राचार्य बी पी साहू बिगत तीन वर्षों से मानसिक एवं आर्थिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। उच्च विभाग में शिकायत पर जांच भी किया गया, लेकिन ऊँची पहुंच के कारण इन पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिससे इनका हौसला बुलंद है.
आरोप है कि इनके द्वारा प्राचार्य पदोन्नति से वंचित करने के लिए व्याख्याता साहू का गोपनीय चरित्रावली सीमा क्षेत्र से बाहर जा कर खराब लिखा गया जिसके कारण उनका नाम पदोन्नति सूचि से हटा दिया गया. इसके उपरांत वर्तमान में पिछले 02 माह से वेतन 18500 कम बनाया जा रहा है, वर्तमान बेसिक रु 59200 को घटा कर 47742 रूपये किया गया है जो सन 2018 के बेसिक से भी कम है. जिस कारण पिछले 02 माह से बैंक लोन और एल आई सी प्रीमियम जमा नहीं हो रहा है। जबकि अपने कृपा पात्र कर्मचारी को सप्ताह में 01 दिन बुलाकर पूरे हप्ते का हस्ताक्षर कराकर पूरा वेतन बनाना।
व्याख्याता साहू ने प्रिंसिपल पर आरोप लगाया कि इसके अतिरिक्त इनके द्वारा मेरी पत्नी को कॉल करके संस्थान में कार्यरत महिला व्याख्याता को “गन्दी औरत “की संज्ञा देकर अपने पति को दूर रहने के लिए कहा गया, जिससे की मेरे घर में कलह पैदा हो. विदित हो कि उक्त महिला कर्मी द्वारा मानसिक प्रताड़ित से व्यथित होकर नींद की अत्यधिक गोली खा ली थी, जिससे बड़ी मुश्किल से इनकी जान बची।
आवेदन में व्याख्याता साहू ने लिखा है कि विगत 03 वर्षों के लगातार मानसिक और अब आर्थिक प्रताडना से अब मैं थक चुका हूँ। पूर्व में महामहिम राज्यपाल महोदय (छ ग), मुख्यमंत्री महोदय (छ ग शासन) एवं समस्त विभागीय उच्च अधिकारी के पास आवेदन के बाद भी तानाशाह प्रभारी प्राचार्य पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई जिससे मैं बहुत व्यथित हूँ, अतः आपसे करबद्ध प्रार्थना है कि मुझे इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान करने की महती कृपा करें।