
– आबकारी अधिकारी छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई कर फील्ड अफ़सर को बचाने की कर रही कोशिश!
जांजगीर-चांपा। जिले के अंग्रेजी शराब दुकानों के कर्मचारियों से प्लेसमेंट के फील्ड अफसर, चंद्रिका चंद्रा, गौरव शुक्ला, कमलेश साहू द्वारा वीआईपी खर्च के नाम अवैध वसूली का आरोप लगा है। शराब दुकान का संचालन करते वाले प्लेसमेंट कंपनी के स्थानीय अधिकारियों पर शराब दुकान के ही प्लेसमेंट के कर्मचारियों ने दबाव बनाकर वीआईपी खर्चा के नाम पर हर माह 5 से 10 हजार रुपए तक वसूले। बकायदा पेमेंट को फोन पे लेने का आरोप है। शिकायतकर्ता के पास इसका स्क्रीन शॉट भी है।
अंग्रेजी दुकान के प्लेसमेंट कंपनी के कर्मचारी हरिराम कश्यप ने जिला फील्ड आफिसर चंद्रिका चंद्रा पर इस तरह का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत कलेक्टर से किया है। साथ ही फोन-पे की कई महीने की लेन-देन की स्क्रीन शॉट की फोटोकापी भी अटैच की है। इतना ही नहीं, पैसा देने के लिए दबाव बनाने की बातचीत का ऑडियो और वीडियो क्लीप भी मौजूद है। मामला सामने आने के बाद आबकारी विभाग में हड़कंप मच गया है। ऑडियो वीडियो से स्पष्ट उजागर हो रहा हैं। लेकिन आबकारी अधिकारी ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए अंग्रजी शराब दुकान के छोटे कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। जबकि कर्मचारी अपने जेब से उनके दुकान से आ रही हिसाब किताब की कमी को जमा कर दिया हैं।
वही वसूलीबाज फील्ड अफसर चंद्रिका चंद्रा, कमलेश साहू, गौरव शुक्ला पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई हैं। इससे यही लग रहा है कि आबकारी अधिकारी वसूलीबाज फील्ड अफसर को बचाने में लगी हैं। वहीं पूरे मामले में जब मिडिया ने सहायक आयुक्त आबकारी नीलिमा दिगस्कर से पक्ष जानने आबकारी कार्यालय घंटों इंतजार करते रहे,लेकिन अधिकारी ने मीडिया से मिलने से मना कर दिया।
शिकायतकर्ता ने फील्ड आफिसर के अलावा मुनीष कुमार साहू, सुमन कुमार कश्यप मनोज कुमार सूर्यवंशी के बैंक खाते में रकम ट्रांजेक्शन करने फोन पे की स्क्रीन शॉट की फोटोकापी शिकायकर्ताओं ने उपलब्ध कराई है। इन ट्रांजेक्शन में कुछ वर्ष 2024 के हैं और कुछ 2025 के हैं। किसी भी महीने में 5000 तो किसी में महीने में 15000 हजार रुपए तक पैसा भेजना दिख रहा है। शिकायकर्ता सिंधुल निवासी हरिराम कश्यप ग्राम सिंधुल का कहना है कि, यह सारे ट्रांजेक्शन उसके द्वारा प्लेसमेंट एजेंसी के फील्ड आफिसर और उसके द्वारा बताए गए तीनों व्यक्ति के खाते में किया गया है। जिसकी पूरा डिटेल उसके पास मौजूद हैं। इससे यही शंका जाहिर हो रहा हैं कि पूरे मामले में आबकारी अधिकारियों के संलिप्तता हो सकता है। अब कलेक्टर ने पूरे मामले में निष्पक्ष जांच की बाद कही हैं।



