अम्बिकापुर (उदयपुर से क्रांति रावत)हाथियों का आतंक एक बार फिर से वन परिक्षेत्र में उदयपुर में जारी है. हाथियों ने पांच गांव के 21 किसानों के 5 एकड़ से अधिक की धान की फसल को रौंद डाला तथा 2 किसानों के घर को तोड़ डाला . प्रभावित ग्रामों सहित आसपास के लोग जगराता कर अपने परिवार को सुरक्षित रखने की हर संभव प्रयास कर रहे है. वन विभाग की टीम लोगों को हाथियों के रास्ते और किस ग्राम से निकल रहे है इसकी सूचना करने के लिए माईक और लाउडस्पीकर सहारा लिया. वन विभाग की इस सार्थक पहल और लगातार निगरानी से अभी तक जन हानि की सूचना नहीं है.
11 हाथियों के दल ने बुधवार को ग्राम खरसुरा से होते हुए जंगल के रास्ते ग्राम डोई पहुंचा वहां शांति, जगरनाथ, जयनाथ नान्ही, चंदर, भवर साय तथा अलख राम के खेतों में लगे धान के फसल को रौंदते हुए फुलचुही पहुंचा जहां दादू राम, जयनाथ, दिलीप, सुखल राम, तिलमेत की फसलों को नुकसान पहुंचाया वहां से भण्डारगांव पहुंचा जहां राजेश के घर को तोड़ने के बाद संतराम, रामकुमार, भोला राम, कुंजलाल, बीरबल की फसलों को नुकसाने पहुंचाते हुए कोटमी ग्राम पहुंचा जहां श्रीपाल ठाकुर के घर को तोड़ा तथा शिवरतन, श्रीपाल, बालकरन, रामप्रसाद ननका एवं सुखराम के धान की फसलों को बुरी तरह से रौंदते हुए नेशनल हाइ्रवे से सटे ग्राम दावा के जंगलों में डेरा जमाए हुए है। गुरूवार को पूरा दिन 11 हाथियों का दल दावा जंगल में ही डटा रहा. आस पास के ग्रामीणों में भय का माहौल है. आज की रात किस ओर हाथियों का दल कूच करेगा यह कह पाना असंभव है. वन विभाग की टीम अभी भी हाथियों की निगरानी में लगा हुआ है.