कांकेर..आपने अक्सर यह देखा होगा कि लोग न्याय की आस लिए कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाते फिरते है..और फिल्मों में यह भी देखा होगा और सुना भी होगा कि..न्यायालय न्याय का मंदिर है..और कभी -कभी सुनवाई के दौरान जज भी भावुक हो जाते है. आज एक ऐसा ही किस्सा उत्तर बस्तर जिले में देखने को मिला है..जिसमे सुनवाई के दौरान एक बुजुर्ग दम्पत्ति की मदद खुद जज ने की है..और बुजुर्ग दम्पत्ति का कर्ज भी अदा किया है..
जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय लोक अदालत में जिले के एक बुजुर्ग दम्पत्ति का मामला पहुँचा था..और यह मामला ना ही किसी अपराध से सम्बंधित था..और ना ही जमीन जायदाद का था..बल्कि यह मामला बैंक से लिये गए लोन का था .जिसे जज ने खुद पटाया है..
दरअसल बुजुर्ग दम्पत्ति ने घर बनाने के लिए बैंक से लोन लिया था..और बैंक से लिये गए राशि का कुछ हिस्सा बुजुर्ग दम्पत्ति ने पटा दिया था..बाकी बची रकम वे नही पटा पाए थे..जिसके लिए उन्हें बैंक के द्वारा नोटिस जारी कर राष्ट्रीय लोक अदालत में तलब किया था..और इस मामले की सुनवाई कांकेर न्यायलय के जज हेमंत सराफ कर रहे थे..इस दौरान उन्होंने दोनों पक्षो को सुना और भावुक हो गए..जज ने तत्काल फैसला लिया कि वे खुद बुजुर्ग दम्पत्ति के द्वारा लिया गया कर्ज चुकाएंगे.. और ऐसा कर जज ने मानवता की एक मानवता की एक मिशाल पेश की है..