रायपुर 08 जुलाई 2014
- तकनीकी और चिकित्सा पाठ्यक्रमों सहित कई पाठ्यक्रमों में छात्र-छात्राओं को मिलेगा फायदा
- कॉलेज परिसरों में लगेंगे विशेष ऋण शिविर: नक्सल प्रभावित जिलों के युवाओं को ब्याज मुक्त ऋण सुविधा
- 4 प्रतिशत ब्याज दर को घटाकर सरकार ने 1 प्रतिशत किया
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के युवाओं को आज एक नई खुशखबरी दी । उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए राष्ट्रीयकृत और निजी क्षेत्र के बैंकों से अब सिर्फ एक प्रतिशत ब्याज पर अधिकतम चार लाख रूपए का ऋण मिलेगा। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के घोषणा पत्र 2013 में किए गए वायदे के अनुरूप अधिकारियों को इस पर तत्परता से कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि डॉ. रमन सिंह ने राज्योत्सव 2012 के अवसर पर प्रदेश की युवाओं के लिए मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋणब्याज अनुदान योजना की घोषणा की थी। इस योजना में दो लाख रूपए से कम वार्षिक आमदनी वाले परिवारों के युवाओं को बैंकों से सिर्फ चार प्रतिशत की दर से अधिकतम चार लाख रूपए का ऋण प्राप्त करने की सुविधा मिल रही थी। डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार ने अब इस योजना में ब्याज दर को घटाकर एक प्रतिशत कर दिया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार के वर्ष 2013 के घोषणा पत्र में युवाओं से यह वायदा किया गया था।
तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने आज यहां बताया कि घोषणा पत्र के इस वायदे पर अमल करते हुए तकनीकी शिक्षा संचालनालय ने प्रदेश के सभी इंजीनियरिंग, फार्मेसी, मैनेजमेंट, एम.सी.ए. और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों वाले कॉलेजों प्राचार्यों और संचालकों को इसके लिए परिपत्र जारी कर दिया है। इंजीनियरिंग शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, कृषि इंजीनियरिंग आदि कई पाठ्यक्रम इसमें अधिसूचित किए गए हैं। परिपत्र में कहा गया है कि योजना का लाभ देने के लिए कॉलेज या संस्था परिसर में बैंकों से समन्वय कर ऋण शिविर लगाया जाए। इसके अलावा पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी इस योजना के क्रियान्वयन के लिए बैंकों से समन्वय किया जाए। कॉलेज परिसरों में लगने वाले इन शिविरों में संबंधित कॉलेजों में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों से उनकी पात्रता के अनुसार निर्धारित प्रारूप में आवेदन लेकर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। श्री पाण्डेय ने बताया कि तकनीकी एवं व्यवसायिक शिक्षा पाठ्यक्रमों में प्रवेशित ऐसे विद्यार्थियों को, जिनके परिवारों की वार्षिक आमदनी दो लाख रूपए से कम है, उन्हें मोरेटोरियम अवधि के बाद ऋण किश्तों के नियमित भुगतान की स्थिति में केवल एक प्रतिशत की दर से ब्याज लगेगा। शेष ब्याज की राशि का भुगतान राज्य सरकार की ओर से सीधे संबंधित बैंकों को किया जाएगा।
उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री पाण्डेय ने यह भी बताया कि प्रदेश के सोलह नक्सल प्रभावित आदिवासी बहुल जिलों के विद्यार्थियों को इस योजना में ब्याज मुक्त ऋण मिलेगा। इनमें बस्तर, बीजापुर, दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा), उत्तर बस्तर (कांकेर), नारायणपुर, सुकमा, कोण्डागांव, गरियाबंद, बलरामपुर-रामानुजगंज, सरगुजा, जशपुर, कोरिया, राजनांदगांव, बालोद, धमतरी और महासमुन्द जिले शामिल हैं। योजना के क्रियान्वयन के लिए बैंकों से समन्वय की दृष्टि से केनरा बैंक को नोडल बैंक और तकनीकी शिक्षा विभाग को नोडल विभाग घोषित किया गया है। श्री पाण्डेय ने बताया कि इच्छुक विद्यार्थियों को किसी भी सार्वजनिक अथवा निजी क्षेत्र के बैंक से शिक्षा ऋण प्राप्त करने पर इस योजना का लाभ मिलेगा। इसके लिए तकनीकी शिक्षा संचालनालय ने पाठ्यक्रमों की सूची भी जारी कर दी है। इसमें बैंचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बी.ई.) मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग (एम.ई.) मास्टर टेक्नॉलॉजी (एम.टेक), बी-फार्मा, एम-फार्मा, डी-फार्मा, बी.एड., डी.एड., एम.सी.ए., बीपीएड, एमबीबीएस, बैचलर ऑफ होमियोपैथी मेडिसिन एण्ड सर्जरी (बीएचएमएस), बी.ए.एम.एस., बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस), मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी (एमडीएस), बैचलर ऑफ नेचरोपैथी एण्ड योग (बीएनवाईएस), बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एण्ड सर्जरी (बीयूएमएस), बैचलर ऑफ वेटेनरी साइंस (बी.व्ही.एस-सी.), बैचलर ऑफ फिशरी साइंस, डेयरी टेक्नालॉजी, बैचलर ऑफ एग्रीकल्चर, बैचलर ऑफ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर (बी.आर्क.) आदि पाठ्यक्रम शामिल हैं। योजना की विस्तृत जानकारी तकनीकी शिक्षा संचालनालय की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटसीजीडीटीईरायपुरडॉटएसीडॉटइन (www.cgdteraipur.ac.in) भी अपलोड कर दी गई है। इस संबंध में तकनीकी शिक्षा संचालनालय, ब्लाक तीन, तृतीय/चतुर्थ तल, इन्द्रावती भवन, नया रायपुर के अधिकारियों से उनके टेलीफोन नम्बर 0771-2426330 पर भी सम्पर्क किया जा सकता है।