छत्तीसगढ़ के काशी के नाम से प्रसिद्व खरौद नगर गुमनामी की ओर… जांजगीर-चांपा । सारंगढ लोकसभा से 6 बार सांसद रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता स्व. परसराम भारद्वाज संयुक्त मध्यप्रदेश में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में भी सेवाएं प्रदान दी। वे 1980 से लेकर 1998 तक लगातार सारंगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद रहे।. विडंबना है कि 30 सालो तक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के बाद छत्तीसगढ़ के काशी के नाम पर प्रसिद्व अपने ही गृह ग्राम खरौद में बुनियादी सुविधाओ को बहाल नही करा पाये। नगर पंचायत खरौद में पेयजल के अलावा यहां स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बेहाल हैं। नगर पंचायत कार्यालय में बजट के बाउजुद यहां लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे है। लोग स्वास्थ्य सुविधाओ के लिए जिला हास्पिटल की ओर रूख करते है। यहां का एबुलेंस कबाड़ हालत मे सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र परिसर मे पड़ा है। लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधियो का इस ओर ध्यान नही है। यहां गर्मीयो में लोग पानी के लिए भटकते हैं। पर्याप्त संख्या में न ही हैंण्ड पंप है न ही नगर पंचायत मे पानी टेंकर की व्यवस्था। यहां के प्राथमिक शिक्षा संस्थान के साथ उच्च शिक्षा का स्तर गिरा हुआ हैं । यहां उच्च शिक्षा के लिए महावि़द्यालय तो है पर यहां पढाई कराने के लिए फेकल्टी नही है। नगर पंचायत खरौद में निवासरत लोग अपने पूर्व सांसद के बारे में कहते है के 30 साल सांसद रहे पर खरौद की दशा व दिशा नही बदले. अब उनके पूत्र रवि भारद्वाज को लोकसभा से टिकिट मिली वो भी ऐसा ही रहेगें। चुनाव के समय सभी नेता बड़ा बड़ा वादा करते है। लेकिन चुनाव के बाद सब भुल जाते हैं।
विश्व पटल पर प्रसिद्व है लक्ष्मणेश्वर मंदिर का स्थिति जर्जर …. देश विदेश में विश्व विख्यात नगर पंचायत खरौद का लक्ष्मणेश्वर शिव मंदिर की स्थिति देखे तो जर्जर हालात मे हैं .खरौद पौराणिक दृष्टि से भी यहां अनेको मंदिर है लेकिन प्रदेश के पर्यटन एंव पुरात्तव विभाग के देख रेख के अभाव में जर्जर होते जा रहा हैं। खरौद नगर व शिवरीनारायण मंदिर विश्व प्रसिद्व मंदिर होने के बावजुद यहां विभाग द्वारा ध्यान नही दिया जाता जिसके कारण यहां के ऐंितहासिक मंदिरो की हालत खराब हैं। प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर को पहचान दिलाने नकाम रहे… नगर पंचायत खरौद व शिवरीनारायण को पर्यटन स्थल के रूप प्रदेश के अलावा देशो में भी एक पहचान मिल सकती थी पर राजनीति उदासीनता के कारण यहां के प्रचीन मंदिरो व ऐतिहासिक धरोहर को पहचान दिलाने पर नकाम रहे। जिसके कारण यहां के प्राचीन व ऐतिहासिक धरोहर की महत्ता खोती जा रही है। वही यहां के निर्माणधीन प्राचीनकालो से बने मंदिर जर्जर हालत मे है। लेकिन इस ओर सुध लेने वाला कोई नही है। लगातार अपने पूरे प्रदेश मे पहचान दिलाने वाला शबरी महोत्सव व शिवरीनारायण मेला का अतित्व खोता जा रहा है। यहां राजनीति दलो के प्रतिनिधि के रवैये से यह ऐतिहासिक मेला गुमनाम हो गया हैं।