अम्बिकापुर
राज्य की भाजपा सरकार केवल छलावा करना जानती है, लोगों को गुमराह करना जानती है, यही सरकार चुनाव के पूर्व घुम घुम कर लोगों को चावल देने के लिये राशन कार्ड बना रही थी और किसानों को मुफ्त बिजली देने की घोषणा कर रही थी, आज जब सरकार बन गई तो इन भाजपाईयों को धोखा देने में भी देर नही लगी, इन्होंने सरकार बनने के 6 महिने बाद ही जनता को अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया। आज घुम-घुम कर लोगों के राशन कार्ड काटे जा रहे हैं। बिजली की दरों में बेहिसाब वुद्धि की जा रही है। जब प्रदेश को सरप्लस राज्य बताया जाता है तो फिर प्रदेश भर में बिजली कटौती की समस्या क्यों है, यह समझ से परे हैं, वहीं दूसरी ओर बिजली की दरों में वृद्धि कर सरकार जनता को धोखा देने महंगाई के भार से लादने अमादा है। यह सरकार जनहित और विकास करना छोड़, प्रदेश की संपदा को पूंजिपतियों के आगे बेचना जानती है, स्वयं के बनाये कार्ड ही निरस्त करना जानती है? किन्तु सरकार यह भी बताये कि चुनाव के दौरान लोगों का कार्ड उसने किस आधार पर बनाया था और आज किस आधार पर काट रही है।
उक्ताशय विधायक सामरी डाॅ. प्रीतम राम ने शंकरगढ में बिजली वृद्धि व राशन कार्ड निरस्तीकरण की कार्यवाही के विरोध में आयोजित धरना के दौरान कही। ब्लाॅक अध्यक्ष केपी सिंह ने कहा कि लोगो से अधिक से अधिक वोट वसूलने पहले तो लोगों का राशन कार्ड बनाया और सभी को 35 किलो ग्राम अनाज दिया और अब जैसे ही विधानसभा और लोकसभा का चुनाव खत्म हुआ, यहीं सरकार लोगों का राशन कार्ड जब्त कर रही है, निराश्रितों को पहले जहां 35 किलो अनाज मिलता था, अब वहां 10 किलो दिया जाने लगा है। कृषि, व्यवसायी व घरेलु बिजली दरों में 15 से 30 प्रतिशत तक की वृद्धि की जा रही है। ऐसा क्यों किया जा रहा है, जबकि प्रदेश के मुखिया तो धान उत्पादन में भी राज्य को नम्बर वन बताते हैं तथा बिजली उत्पादन में भी सरप्लस राज्य का ढिंढोरा पिटते हैं तो फिर बिजली के दरों में वृद्धि क्यों की जा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी जनविरोधी नीतियों के खिलाफ कांग्रेस हमेशा जनता के साथ सड़कों पर उतर कर आंदोलन करते रहेगी। कार्यक्रम के दौरान सत्यनारायण अग्रवाल, सुखु यादव, विष्णु सिंहदेव, फ्रांसिसका बेक, खालीद, चमरू, भोला, मुख्तार सहित काफी संख्या में कांग्रेसजन व आमजन उपस्थित थे। धरना कार्यक्रम के बाद कांग्रेसजनों ने मुख्यमंत्री का पुतला फूंककर महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंप कर बिजली की दरों में हो रही वृद्धि को कम करने तथा राशन कार्ड निरस्तीकरण की कार्यवाही रोकने की मांग की गई।