गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान कराना प्राचार्यो की जिम्मेदारी-कलेक्टर

सूरजपुर 11 जून 2014

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जिला कार्यालय के सभाकक्ष में कलेक्टर डाॅ.एस.भारती दासन की अध्यक्षता में स्कूलों के प्राचार्यो व खण्ड शिक्षा अधिकारियों की बैठक में 16 जून से शिक्षा सत्र शुरू होने वाली है। जिला स्तर के हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए गुणवत्ता अभियान महत्वपुर्ण अभियान है, इसके लिए शिक्षकों को नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होने बताया कि राष्ट्रीय औसत पर 40 विद्यार्थी के पीछे 1 शिक्षक है, किन्तु राज्य में 19 बच्चों के पीछे 1 शिक्षक है, आज की स्थिति में इतने शिक्षक होने के बावजूद शिक्षा का स्तर आधा है। बच्चे गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान कर रहे या नही विद्यालय प्रमुख का क्या उद्देश्य है? आने वाले समय में हमारा क्या रोल है? सारी बातों को ध्यान में लाना प्राचार्यो की जिम्मेदारी होती है।

बैठक में कलेक्टर ने शासन की नीति के तहत् शिक्षकों की युक्ति युक्तकरण की कार्रवाई 30 जून तक पूर्ण कराना है। स्कूली बच्चों की दर्ज संख्या के आधार पर तथा शिक्षकों की वरिष्ठता क्रम के आधार पर सूची तैयार कर चस्पा करने कहा गया है, गलत जानकारी देने वाले प्राचार्यो के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 16 जून से पहले स्कूल भवन, किचन शेड़, स्कूल की साफ-सफाई, रंगाई-पोताई कराने व सभी स्कूलों को व्यवस्थित रखने सहायक आयुक्त, जिला शिक्षा अधिकारी, खण्डशिक्षा अधिकारी तथा प्राचार्यो की जिम्मेदारी होगी। उन्होने प्राचार्यो से बच्चों की प्रगति पत्र कक्षावार तैयार करने तथा प्रत्येक बच्चों का प्रगति पत्र होना आवश्यक है, जिसका मुद्रण कराने कहा है। प्रगति पत्र में मूल्याकंन परीक्षा का विषयवार प्राप्तांक अंकित किया जाएगा। कलेक्टर ने प्राचार्यो से कहा कि अच्छे प्रतिभाशाली बच्चों को 15 अगस्त, 26 जनवरी को पुरस्कृत किया जाएगा। बैठक में स्कूल प्रांगण में वृक्षारोपण की तैयारी करें, हर स्कूल में कम से कम 10 पौधे लगायें तथा हरा-भरा बनाकर माॅडल स्कूल बनायें। बाउन्ड्रीवाॅल नही है या गांव वालों ने व्यापक रूप से अतिक्रमण कर लिया है तो राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर चिन्हाकंन कर अतिक्रमण हटायें। शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देें, शिक्षक अपने कर्तव्यों का निर्वहन ठीक से करें, जिस स्कूल में बायोमैट्रिक लगा है या नही भी लगा है तो भी शिक्षक समय का ध्यान दें, संस्था के कोई शिक्षक दूसरे जगह संलग्न है तो अपने मूल संस्था में वापस जाकर कार्य करंे। अगस्त महिने में कोई भी मंत्रीगण या मुख्य सचिव का दौरा कहीं भी किसी भी स्कूल मेें हो सकता है। स्कूलों को व्यवस्थित रखें, कागजों पर नही, गुणवत्तायुक्त मैदानी स्थल पर होनी चाहिए सम्पूर्ण विद्यालय प्रमुख की जिम्मेदारी होगी। बैठक में वर्ष 2013-14 में संस्था के परिणामों पर भी चर्चा की गई, सर्वोत्तम अंक प्रेमनगर विकासखण्ड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भगवानपुर 10 बच्चों की दर्ज संख्या में सभी बच्चे उत्तीर्ण हुए विद्यालय का 100 प्रतिशत परिणाम है, कलेक्टर ने प्राचार्य को बधाई देते हुए भविष्य में यही स्थान बनाये रखने कहा है। शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत् प्रवीण्य सूची में जगह बनायें। न्यूनतम प्रतिशत तथा 60 प्रतिशत से कम प्रतिशत परिणाम के संस्था के प्राचार्यो को संस्था प्रमुख को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने कहा है। कम प्रतिशत वाले महिला प्राचार्यो को विशेष हिदायत देते हुए परिवार के साथ विद्यालय का ध्यान रखने कहा है। उन्होने सभी प्राचार्यो का चेतावनी देते हुए कहा है कि अगले सत्र का परीक्षा परिणाम बेहतर व संतोषप्रद होना चाहिए।
इस अवसर पर सहायक आयुक्त श्री संजय सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी श्री आनंद प्रकाश एक्का, खण्ड शिक्षा अधिकारी, सहायक खण्डशिक्षा अधिकारी, बीआरसी मण्डल संयोजक सहित विभाग के कर्मचारी आदि उपस्थित थे।