नई दिल्ली
मंगलवार को नरेंद्र मोदी सर्वसम्मति से भाजपा और एनडीए संसदीय दल का नेता चुन लिए गए है। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मुलाकात की इसी दौरान राष्ट्रपति ने उन्हें सरकार बनाने का निमंत्रण दिया। इसके बाद मोदी ने मीडिया को राष्ट्रपति से सरकार बनाने के लिए मिले न्योते की चिट्ठी दिखाते हुए कहा कि वह 26 मई को शाम छह बजे प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। उन्होंने मीडिया बंधुओं को भी इस समारोह का गवाह बनने का खुला न्योता दिया। इसके साथ ही राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह की भी तैयारियां शुरू हो गई है। इसके लिए करीब तीन हजार अतिथियों को न्योता दिए जाने की संभावना है।
राष्ट्रपति भवन से निकलते हुए उनका सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया गया और उनकी सुरक्षा का उत्तरदायित्व आधिकारिक तौर पर एसपीजी ने ले लिया। इससे पूर्व भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भाजपा संसदीय दल के नेता के रूप में मोदी के नाम का प्रस्ताव पेश किया जिसका मुरली मनोहर जोशी, वैंकेया नायडू, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, कड़िया मुंडा, गोपीनाथ मुंडे, रविशंकर प्रसाद और मुख्तार अब्बास नकवी ने समर्थन किया।
संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद अपने उद्बोधन में नरेंद्र मोदी ने राजनाथ सिंह और आडवाणी का आभार जताया। इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी का उल्लेख करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि आज इस ऐतिहासिक मौके पर वो यहां होते तो सोने में सुहागा होता। मोदी ने कहा कि 13 सितंबर से 10 मई तक एक कार्यकर्ता के रूप में परिश्रम यज्ञ किया जिसका फल है कि हम सब आज यहां हैं। उन्होंने कहा कि आज मैं बड़ा इसलिए दिखता हूं कि वरिष्ठों ने मुझे अपने कंधे पर बिठाया। मोदी ने कहा कि दुनिया के इस सबसे बड़े लोकतंत्र की यही ताकत है कि मेरे जैसा गरीब परिवार से आया हुआ व्यक्ति यहां तक पहुंचा है। मोदी दोबारा उस समय भावुक हो गए जब उन्होंने आडवाणी के ‘कृपा’ शब्द के प्रयोग का जिक्र किया और कहा कि भारत मेरी मां है उसी तरह पार्टी भी मेरी मां है, मां की सेवा ‘कृपा’ नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि अगले दो साल हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। हम परिश्रम की पराकाष्ठा करेंगे, अपने लिए नहीं बल्कि देश के लिए जीएंगे। 2019 में मैं अपना रिपोर्ट कार्ड देश के सामने रखूंगा। इससे पहले मोदी बैठक में पहुंचे तो उन्होंने संसद के मुख्य द्वार पर मत्था टेका। अंदर आने पर उन्होंने आडवाणी के पैर भी छूकर आशीर्वाद लिया।
इससे पहले भाजपा अध्यक्ष व निर्वाचन अधिकारी राजनाथ सिंह ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि आजादी के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि कांग्रेस के अलावा किसी दल को पूर्ण बहुमत मिला है। उन्होंने पार्टी को देश भर में मिले जनसमर्थन का उल्लेख करते हुए कहा कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हमारे संसद चुने गए हैं और इसका हमें बेहद गर्व है। इस मौके पर आडवाणी भावुक हो उठे और कहा कि 47, इमरजेंसी और आज मेरी आंखों में आंसू आए।
इसके बाद नरेंद्र मोदी को सर्वसम्मति से 29 दलों के एनडीए संसदीय दल का नेता भी चुन लिया गया। सभी सहयोगी दलों को धन्यवाद देते हुए मोदी ने कहा कि आप सबका मुझपर पूरा अधिकार है। आप कभी भी मुझसे संपर्क कर सकते हैं। हम सब मिलकर यह सरकार चलाएंगे। आप सब हमारे लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं, जितने पूर्ण बहुमत न होने पर भी होते। एनडीए के साथियों का परिश्रम बेमिसाल है।
इसके बाद दोपहर 2:30 बजे लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में एनडीए नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिला और 335 सांसदों के समर्थन की चिट्ठी देते हुए सरकार बनाने के लिए नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करने का आग्रह किया।
मोदी आज शाम को अपने विधानसभा क्षेत्र मणिनगर के लिए रवाना होंगे। वहां वह एक जनसभा को संबोधित कर सकते हैं। बुधवार को वह गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। उसके बाद भाजपा विधायक नए मुख्यमंत्री का चुनाव करेंगे। आनंदी बेन पटेल को सीएम की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है।
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